हल्दिया: चक्रवात ‘यश’ का सर्वाधिक कहर पूर्व मेदिनीपुर में विशेषकर जिले के दीघा में देखने को मिला. दीघा समेत कमोबेश समूचे पूर्वी मेदिनीपुर में ही पानी भर गया. जिला के लोगों ने बताया कि अम्फान से हुए नुकसान से अधिक क्षति इस बार हुई है.
बुधवार सुबह से समुद्र का रौद्र रूप देखने को मिला. समुद्र का पानी गार्ड रेल पार कर आसपास के इलाके व गांवों में प्रवेश करने लगा. हालांकि, प्रशासन की ओर से पहले ही बड़ी तादाद में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया था.
बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर सेना के जवानों को उतारा गया. नावों के जरिये जवानों ने गांवों में फंसे लोगों को बचाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. एनडीआरएफ की ओर से भी बड़ी तादाद में कर्मियों को बचाव कार्य में उतारा गया.
बुधवार सुबह से चक्रवात यश तथा पूर्णिमा के डबल इफेक्ट की वजह से दीघा के आसपास का इलाका समुद्र के विस्तृत रूप के तौर पर दिखने लगा. दीघा मेन रोड पूरी तरह से जलमग्न हो गया. स्टेट जनरल अस्पताल भी पानी में डूब गया.
मरीजों को किसी तरह दूसरे स्थानों पर ले जाया गया. दीघा मेन रोड पर खड़ी गाड़ियां पूरी तरह से पानी में डूब गयीं थीं. दीघा के अलावा ताजपुर, मंदारमनी, शंकरपुर सहित विभिन्न गांवों में पानी भर गया. एनडीआरएफ के लोग व सेना के जवान नावों के जरिये लोगों को बचाने के लिए उतर गये थे.
कई लोगों को तैरकर अपनी जान बचाते देखा गया. जिले के डीएम पुर्णेंदु कुमार माझी ने कंट्रोल रूम से समूचे हालात पर नजर रखी और जरूरी दिशा-निर्देश दिये. पूर्वी मेदिनीपुर के अन्य स्थानों, नंदीग्राम, खेजुरी, कांथी, हल्दिया, महिषादल व तमलूक के करीब 51 तटबंध टूट जाने से इलाकों में पानी भर गया. तटबंधों की मरम्मत में स्थानीय लोगों ने हाथ बंटाया.
पूर्वी मेदिनीपुर के चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. डीएम पुर्णेंदु कुमार माझी ने कहा कि लोगों की जान बचाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता थी. कच्चे और जर्जर घरों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया. जब तक स्थिति सुधर नहीं जाती, लोगों को वहीं रखा जायेगा. उनके लिए सूखे भोजन की भी व्यवस्था की गयी है.
Posted By: Mithilesh Jha