कोलकाता (अमर शक्ति प्रसाद): पश्चिम बंगाल विधानसभा के बहुचर्चित बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त हो गया. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने महज 4 मिनट में सदन में अपना अभिभाषण पढ़ा और उसके बाद बाहर निकल गये. प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी उन्हें छोड़ने के लिए गेट तक गये.
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच तकरार के बीच शुक्रवार (2 जुलाई) को ममता बनर्जी की लगातार तीसरी बार बनी सरकार का पहला बजट सत्र शुरू हुआ. राज्यपाल ने तृणमूल कांग्रेस सरकार की ओर से तैयार किये गये भाषण को पढ़ने से पहले ही इनकार कर दिया था. वहीं, ममता बनर्जी की सरकार ने राज्यपाल के सुझावों को मानने से इनकार कर दिया.
इसके बाद से ही इस बात की चर्चा तेज थी कि बजट सत्र में राज्यपाल सदन में क्या बोलेंगे. वह संवैधानिक बाध्यता के तहत ममता बनर्जी सरकार की ओर से तैयार कराये गये अभिभाषण को ही पढ़ेंगे या उसमें कुछ कांट-छांट करके पढ़ेंगे. यह भी चर्चा थी कि राजभवन अपनी ओर से अभिभाषण तैयार करे और राज्यपाल उसे पढ़ें.
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इन तमाम अटकलों पर अब विराम लग चुका है. दिन में दो बजे विधानसभा का सत्र शुरू हुआ. राज्यपाल सदन में आये और सिर्फ 4 मिनट में अपना भाषण खत्म करके सदन से चले गये. उन्होंने अभिभाषण का पहला और आखिरी पन्ना ही पढ़ा. उल्लेखनीय है कि बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर गंभीर आरोप लगाये थे.
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कई तस्वीरें जारी करते हुए कहा था बंगाल में जो फर्जी वैक्सीनेशन कांड हुआ है, उसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी संलिप्त हैं. श्री रॉय ने वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़ा के सरगना देबांजन देव के बॉडीगार्ड अरविंद वैद्य के साथ राज्यपाल की तस्वीर जारी की थी. साथ ही राज्यपाल को भ्रष्ट बताते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने की मांग की थी.
बताया जाता है कि ममता बनर्जी की सरकार की ओर से जो अभिभाषण तैयार किया गया था, उसमें बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं था. इसके उलट बंगाल में पूर्ण शांति की बात कही गयी थी. साथ ही फर्जी वैक्सीनेशन की भी चर्चा बंगाल सरकार ने नहीं की थी. इस पर राज्यपाल को आपत्ति थी.
Posted By: Mithilesh Jha