पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पैर में चोट के कारण घर से बाहर नहीं निकल पा रही है लेकिन जैसे ही राज्य में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई मुख्यमंत्री ने सभी छुट्टियां रद्द कर दी हैं. वह घर पर रहते हुए भी 24 घंटे सभी प्रशासनिक काम कर रही है. इसके साथ ही राज्य में आपात स्थिति के चलते जरूरी प्रशासनिक विभागों में भी छुट्टियां रद्द कर दी गई है. डीवीसी की ओर से बताया गया है कि अगले कुछ दिनों में और पानी छोड़े जाने की संभावना है. इससे राज्य के सात-आठ जिलों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार दोपहर नबान्न के साथ एक जरूरी बैठक की. हालांकि, पैर में चोट के कारण उन्होंने कालीघाट स्थित अपने घर से बैठक की.
बुधवार की सुबह उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर अचानक बादल फटने से लाचेन घाटी में तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई, जिससे सेना के 23 जवान बह गए और उनका शिविर व वाहन कीचड़ में धंस गए. उस जल प्रवाह से तीस्ता का जल स्तर एक ही क्षण में 15-20 फीट बढ़ गया. जिसके कारण आशंका है कि उत्तर बंगाल में तीस्ता का असर आस-पास के जिलों पर भी पड़ सकता है. इस बीच लगातार कम दबाव से हो रही बारिश के कारण राज्य के विभिन्न इलाकों में पानी जमा होने लगा है. बांध बचाने के लिए डीवीसी ने पानी छोड़ा है.
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राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और मुख्यमंत्री के विशेष सलाहकार अलापन बनर्जी ने नबन्ना और नबन्ना के अन्य विभागों के सचिवों को फोन स्पीकर पर बिठाकर उनके साथ बैठक की. वहां ममता ने अपने सचिवों को सभी जरूरी निर्देश दिये. ममता ने कहा, पैर में चोट के कारण मैं बाहर नहीं जा सकती. हालांकि मैंने राज्य के कुछ मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त किया है. वे बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. मेदिनीपुर, सबंग और घाटाल में अतिरिक्त सावधानी बरती गई है. मैंने दो कंट्रोल रूम खोलने का भी आदेश दिया है.
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मुझे दूसरा नंबर भी दीजिए. मैं आपातकाल की स्थिति में लगातार घर पर सभी आवश्यक प्रशासनिक कार्य करुंगी. फिलहाल सभी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. क्योंकि पूजा के सामने ऐसी विपदा से पहले निपटने की जरूरत है. हालांकि उस बैठक में ममता ने मुख्य सचिव और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देने के अलावा राज्य की जनता के लिए कुछ संदेश और सुझाव भी दिये. ममता बनर्जी ने कहा, ‘उन लोगों से कहूंगी जो निचले इलाकों में रहते हैं, कृपया घर से सरकारी शिविर के सुरक्षित आश्रय में आएं. सात-आठ जिलों में आपातकाल की स्थिति बन सकती है.
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लेकिन साथ ही ममता बनर्जी ने कहा कि आपदा प्रतिक्रिया दल उन सभी इलाकों में पहुंच गए हैं जहां बाढ़ का खतरा है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच चुकी हैं. ममता ने यह भी कहा कि इस बात पर भी कड़ी नजर रखें कि कहीं बारिश के पानी से बिजली के तार तो नहीं टूट गए हैं. जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्रथामिकता है.