शिल्पांचल में कोयले से काली कमाई का धंधा फिर से चरम पर है. अवैध वसूली के जरिये इससे जुड़े लोग हर दिन करोड़ों की काली कमाई में जुटे हुए हैं. अवैध कमाई के इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों की मानें, तो मई 2024 से पहले पश्चिम बर्दवान जिले से न्यूनतम एक हजार करोड़ रुपये की उगाही का लक्ष्य तय किया गया है. बताया जाता है कि इसके लिए सिंडिकेट ने पहले इसीएल के रोड सेल के कोयला कारोबार को पूरी तरह से अपने कब्जे में ले लिया.
रोड सेल ने निकलनेवाले प्रति टन कोयले पर 400 रुपये की आरजे-एबी रॉयल्टी लगा दी है. कुछ कोलियरियों में यह टैक्स 600 रुपये तक चला गया था. सूत्रों के अनुसार, इस टैक्स से सिंडिकेट के लोगों ने सालाना 110 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई का अनुमान लगाया है. इसके साथ ही रेलवे साइडिंग और गुड्स शेड को भी अपने कब्जे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है.
इसके जरिये न्यूनतम 150 करोड़ रुपये की उगाही की योजना है. यही नहीं, कोयले की नीलामी पर भी अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है. इसके जरिये करीब 750 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही की जानी है. सूत्रों के अनुसार, रोड सेल में रॉयल्टी देने का विरोध करनेवाले कुछ कोयला लिफ्टरों की हालत देखने के बाद किसी ने सिंडिकेट की इस कार्रवाई का विरोध नहीं किया. रॉयल्टी नहीं देने पर सिंडिकेट के लोग डिपू से कोयला निकालने नहीं देते.
एरिया कोयला (टन में)
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पांडवेश्वर 2,04,932.28
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बंकोला 3,69,626.03
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झांझरा 60,412.63
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काजोड़ा 2,84,969.22
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सतग्राम 1,17,838.88
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केंदा 1,73,995.76
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कुनुस्तोरिया 1,26,569.33
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सोनपुरबाजारी 3,03,933.50
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श्रीपुर 14,496.95
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सोदपुर 1,52,609.68
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सालानपुर 8,63,556.28
सिंडिकेट का हस्तक्षेप करके अवैध उगाही को लेकर आसनसोल के पूर्व मेयर जितेंद्र तिवारी ने आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट (एडीपीसी) के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा. इसकी प्रति उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को भी भेजी. एडीपीसी के पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय) ने उन्हें जानकारी दी कि शिकायत की जांच की गयी है, एडीपीसी के तहत विभिन्न कोयला डिपू से कोयला उठाने और अवैध लाभ के लिए इसे भेजने में किसी भी अवैध रैकेट की ऐसी कोई घटना दर्ज नहीं हुई है. जिसके बाद जांच समाप्त हो गयी.