पश्चिम बंगाल चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग के दौरान कूचबिहार जिले के शीतलकुची में हुई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है. सोमवार को सीआईडी की फॉरेंसिक बैलेस्टिक टीम के तीन सदस्यों ने शीतलकुची के बूथ संख्या 126 पर जांच की. इस दौरान शीतलकुची जिले के जोरपाटकी इलाके के बूथ नंबर 5/126 स्थित अम्तली एमएसके सेंटर में करीब ढाई घंटे तक जांच की गई. टीम ने केंद्र में ब्लैक बोर्ड पर लगी गोलियों के निशान की पहचान की. फायरिंग से जुड़ी हर जरूरी जानकारियों को रिकॉर्ड किया गया.
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सीआईडी अधिकारी दरवाजे के जिस हिस्से पर गोलियों के निशान थे, वहां एक खास तरह के केमिकल का इस्तेमाल करते दिखे. टीम ने गोली के हर निशान को रिबन से नाप कर यह पता लगाने की कोशिश किया कि आखिर किस तरह के हथियारों से फायरिंग की गई है. इसके बाद जांच अधिकारियों ने बूथ पर ताला लगाया और बिना इजाजत के प्रवेश करने पर पाबंदी लगा दी.
इस दौरान पत्रकारों ने बार-बार जांच अधिकारियों से बात करने की कोशिश की. लेकिन, टीम में शामिल किसी भी सदस्य ने कुछ भी नहीं बताया. जिक्र करते चलें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग के दौरान 10 अप्रैल को शीतलकुची के मतदान केंद्र 5/126 पर सीआईएसएफ की फायरिंग में हमीदुल मियां, समीउल मिया, मोनिरुल मिया और नूर आलम की मौत हुई थी. घटना के बाद सीआईएसएफ ने माथाभांगा थाने में लिखित शिकायत भी की थी.
अगर शीतलकुची फायरिंग की घटना का जिक्र करें तो पश्चिम बंगाल चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग के दौरान खूब हंगामा मच गया था. शीतलकुची फायरिंग को लेकर बंगाल से दिल्ली तक खूब बयानबाजी हुई थी. सीएम ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कठघरे में खड़ा किया था. जबकि, केंद्रीय गृह मंत्री ने कई बार चुनावी मंच से कहा था कि सीएम ममता बनर्जी के भड़काऊ भाषण के कारण शीतलकुची फायरिंग की घटना हुई थी.