पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन करने का ऐलान किया है. तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा है कि हम तब तक लड़ेंगे, जब तक कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे पहलवानों को न्याय नहीं मिल जाता. वहीं, उनकी पार्टी के सांसद आज संसदीय समिति की बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गये.
संसदीय समिति की बैठक से तृणमूल सांसदों का बहिर्गमन
नयी दिल्ली में आयोजित संसदीय समिति की बैठक से तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने उस वक्त बहिर्गमन किया, जब विभिन्न खेल महासंघों द्वारा महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा पर चर्चा की मांग को ‘बैठक के एजेंडे से बाहर का विषय’ बताकर उस पर चर्चा करने से अस्वीकार कर दिया. बृहस्पतिवार को हुई संसदीय समिति की बैठक की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विवेक ठाकुर कर रहे थे.
महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया
सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस ने शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल मामलों की स्थायी समिति में महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. सांसदों ने पूछा कि क्या विभिन्न खेल संघों में शिकायत समितियों का गठन किया गया है. अगर किया गया है, तो क्या वे सक्रिय हैं. ये सवाल करने के बाद टीएमसी सांसद सुष्मिता देव और असित कुमार मल ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए बैठक से बहिर्गमन किया.
कांग्रेस, अन्नाद्रमुक के सांसद बैठक में रहे मौजूद
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के सांसद अखिलेश सिंह के अलावा भाजपा के 3 अन्य सांसद और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबीदुरै बैठक में मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि इस बैठक में खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, टॉप्स के सीईओ कमोडोर (सेवानिवृत्त) पीके गर्ग, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी मिश्रा ने भी हिस्सा लिया.
सचिव ने कहा- खेल संघों के कामकाज में सरकार की भूमिका नहीं
सूत्रों ने बताया कि खेल सचिव ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव को बताया कि खेल संघों के कामकाज में सरकार की कोई भूमिका नहीं है. शासन द्वारा किसी तरह का हस्तक्षेप वैश्विक स्तर पर प्रशासित खेलों की भावना के विपरीत होगा. सूत्रों ने यह भी बताया कि माना जा रहा है कि समिति के अध्यक्ष ठाकुर ने सुष्मिता देव को सूचित किया कि यह मुद्दा बैठक के एजेंडे में शामिल नहीं है.
ओलिंपिक की तैयारियों पर बुलायी गयी थी बैठक
समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सुष्मिता देव के सवाल पर भाजपा सांसद ने कहा, ‘यह मुद्दा बैठक का हिस्सा नहीं है और वैसे भी विषय न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिए समिति इस पर चर्चा नहीं कर सकती. यह स्पष्ट किया जाता है कि यह बैठक अगले ओलिंपिक के लिए भारत की तैयारियों को लेकर है.’ इस पर देव और मल दोनों ने बैठक से निकल गये. कांग्रेस सदस्य सिंह ने तृणमूल सांसदों का समर्थन किया, लेकिन उन्होंने बहिर्गमन नहीं किया.
Also Read: पी चिदंबरम ने कांग्रेस को समर्थन देने संबंधी ममता बनर्जी के बयान का किया स्वागत, बातचीत पर जोर दिया
मैं मूकदर्शक नहीं रह सकती : सुष्मिता देव
देव ने कहा, ‘जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं इस मुद्दे को उठा रही हैं, तो महिला और बाल मुद्दों की स्थायी समिति की सदस्य होने के नाते मैं महसूस करती हूं कि बैठक से बहिर्गमन करूं, क्योंकि खेल एवं युवा मामलों का मंत्रालय उचित कदम उठाने में असफल रहा है. मैं बैठक में मूकदर्शक नहीं बैठ सकती, क्योंकि स्थायी समिति सार्वजनिक नीति की निगरानीकर्ता हैं.’
पहलवानों के यौन उत्पीड़न पर टीएमसी ने लिखा था पत्र
गौरतलब है कि तृणमूल सांसद ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मुद्दे पर 9 मई को ठाकुर को पत्र लिखा था और कहा था कि समिति को खेल संघों और निकायों पर लागू कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा करनी चाहिए और इस विषय पर खेल मंत्रालय की भूमिका पर विचार करना चाहिए.