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Bengal Chunav 2021: 20 साल बाद मुकुल रॉय पर BJP का दांव, पार्टी का मास्टरस्ट्रोक कितना मददगार?

west bengal 2021 bjp's national vice president mukul roy get ticket for contesting assembly election from krishnanagar uttar : करीब 20 साल बाद चुनाव मैदान में उतरे हैं बंगाल के दिग्ग्ज नेता और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय. बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी ने उन पर दांव खेला है. उन्हें कृष्णनगर उत्तर से बीजेपी ने टिकट दिया है.

Bengal Chunav 2021: करीब 20 साल बाद चुनाव मैदान में बंगाल के दिग्गज नेता और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय उतरे हैं. बंगाल चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने उन पर दांव खेला है. उन्हें कृष्णनगर उत्तर से बीजेपी ने टिकट दिया है. मुकुल राय कभी टीएमसी में सेकेंड इन कमांड थे. वो एक ऐसे नेता हैं जो संगठन बनाने में जोर देते हैं और इस वजह से उन्हें काफी सम्मान भी मिलता रहा है. वो राज्यसभा सांसद भी थे और केंद्रीय रेल और जहाज रानी मंत्रालय में मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं.

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राजनीति में कई मुकाम हासिल करने के बावजूद 2001 के बाद वो चुनाव नहीं लड़े थे. अब 20 साल बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मैदान में उतार दिया है. बता दें बीजेपी सांसद दिलीप घोष को टिकट देने की भी बात थी. लेकिन, उन्हें फिलहाल चुनाव प्रचार का दायित्व पार्टी ने सौंपा है. मुकुल रॉय को टिकट देकर बीजेपी ने बंगाल विधानसभा चुनाव में एक नयी चमक दी है. हालांकि पिछले दो-तीन दिनों से मुकुल रॉय के नाम पर चर्चा हो रही थी. आखिरकार, गुरुवार को उनके नाम का एलान कर दिया गया.

मुकुल रॉय का राजनीतिक सफर

2001 में मुकुल राय ने जगदल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. हालांकि उन्हें पराजित होना पड़ा था. इसके बाद फिर वो कभी चुनाव नहीं लड़ें. हालांकि इसके बाद से ही वो टीएमसी के लिए संगठन बनाने जैसे महत्वपूर्ण दायित्व संभालने लगे थे. पार्टी में उनका स्थान ममता बनर्जी के बाद था. मगर उन्हें ममता बनर्जी ने दोबारा चुनाव में खड़ा नहीं किया.

संगठन मजबूत करने के टैलेंट का बीजेपी को लाभ

टीएमसी से बीजेपी में आने के बाद से ही संगठन मजबूत करने के मुकुल रॉय के टैलेंट का लाभ उठाया जा रहा है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि लोकसभा में बीजेपी ने मुकुल रॉय को कैंडिडेट बनाने के लिए कभी नहीं सोचा था. विधानसभा में समीकरण अलग हैं. परिस्थिति को देखते हुए बीजेपी कोई चूक नहीं करना चाहती है. बता दें इससे पहले के चरण में भी 4 सांसदों को बीजेपी ने टिकट दिया है. इस बार मुकुल रॉय जैसा मास्टरस्ट्रोक बीजेपी की जीत में कितनी अहम भूमिका निभाती है, यह 2 मई को तय होगा.

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मुकुल रॉय के करीबियों को बीजेपी का टिकट 

सिर्फ मुकुल रॉय को ही नहीं बल्कि उनके बेटे शुभ्रांशु रॉय को भी टिकट दिया गया है. उन्हें उनके ही विधानसभा क्षेत्र बीजपुर से बीजेपी कैंडिडेट बनाया गया है. इसके अलावा मुकुल रॉय का हाथ पकड़ टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले सब्यसाची दत्त, शीलभद्र दत्त और गौरी शंकर दत्त को भी टिकट दिया गया है.

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