Bengal Assembly Election: बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में नंदीग्राम के साथ ही कई अहम विधानसभा सीट है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. इनमें डेबरा विधानसभा सीट भी शामिल है. इस बार यहां से दो पूर्व आईपीएस के बीच जंग होने वाली है. दोनों सीआईडी में एक-दूसरे के साथ अपराधियों के खिलाफ काम कर चुके हैं. अब, दोनों पूर्व आईपीएस चुनावी मैदान में आमने-सामने खड़े हैं.
बीजेपी ने डेबरा से पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं टीएमसी ने भी पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर पर दांव खेला है. भारती घोष वर्ष 2019 से राजनीति में हैं. उन्होंने 2019 में घाटाल से बीजेपी की तरफ से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था. हालांकि उन्हें पराजित होना पड़ा था. वहीं हुमायूं कबीर पहली बार राजनीति में कदम रख रहे हैं.
कुछ महीने पहले ही हुमायूं कबीर ने हुगली पुलिस कमिश्नरेट से सीपी के पद से इस्तीफा देने के साथ ही आईपीएस के पद से भी रिजाइन कर दिया था. इसके बाद ही उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली. इस बार टीएमसी ने डेबरा से हुमायूं कबीर को भारती घोष के खिलाफ खड़ा किया है. भारती घोष ने लोकसभा चुनाव में घाटाल लोकसभा के अंतर्गत डेबरा विधानसभा से बीजेपी को बढ़त दिलायी थी.
2019 में घाटाल लोकसभा से बीजेपी की तरफ से भारती घोष खड़ी थी. जबकि टीएमसी की तरफ से टाॅलीवुड एक्टर देव अधिकारी ने चुनाव लड़ा था. हालांकि देव अधिकारी को जीत मिली थी. मगर घाटाल लोकसभा के डेबरा विधानसभा सीट पर भारती घोष को बढ़त मिली थी. भारती घोष को डेबरा से 84618 वोट मिली थी जबकि देव को 80599 वोट मिले थे. अब विधानसभा चुनाव में डेबरा से भारती घोष को जीत मिलती है या नहीं, यह अब 2 मई को ही पता चलेगा.
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2016 में डेबरा विधानसभा सीट पर टीएमसी का कब्जा था. टीएमसी की सेलिमा खातून को 90773 वोट मिली थी. सेलिमा खातून ने लेफ्ट के जहांगीर शेख को 11908 वोट से हराया था. इस बार टीएसमी से खड़े हुमायूं कबीर फिर से टीएमसी का परचम लहरा पायेंगे, यह अभी लाख टके का सवाल है.
Posted by : Babita Mali