कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ गुस्से से लाल होकर अपनी कार से बाहर आये और पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगायी. यह घटना उत्तर बंगाल के कूचबिहार जिला स्थित दीनहाटा में हुई. बंगाल चुनाव 2021 के बाद हुई हिंसा का जायजा लेने और हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों से मिलने गये राज्यपाल श्री धनखड़ के खिलाफ दीनहाटा में नारेबाजी की गयी.
दीनहाटा में एक दर्जन से अधिक लोग पोस्टरों के साथ मौजूद थे. ये लोग ‘भाजपा के राज्यपाल वापस जाओ’ का नारा लगा रहे थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की, तो राज्यपाल ने अपनी कार से निकलकर नाराजगी का इजहार किया. श्री धनखड़ ने पत्रकारों से कहा, ‘मैं सकते में हूं, विधि का शासन पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. मैं सपने में भी नहीं सोच सकता था कि ऐसा कुछ हो सकता है.’
बाद में पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को मौके से भगाया. चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित लोगों से बातचीत के बाद धनखड़ ने कहा, ‘मैंने लोगों की आंखों में डर देखा है और वे थाने जाकर शिकायत करने से भी डर रहे हैं.’ राज्यपाल माथाभांगा, शीतलकुची, सिताई और दीनहाटा गये और दो मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के हाथों हमले/हिंसा झेलने का दावा करने वालों से बातचीत की.
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इन चारों जगहों पर कई परिवारों से मिलने के बाद जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘घर लूट लिये गये हैं, बेटी के ब्याह के लिए रखे गये गहने, श्राद्ध के लिए रखे बर्तन और अन्य चीजें भी लूट ली गयी हैं.’ राज्यपाल का काफिला जब माथाभंग से शीतलकुची की ओर जा रहा था, तो रास्ते में गोलोकगंज में कुछ लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाये. यहां प्रदर्शनकारियों को सड़क पर आने से रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को मानव शृंखला बनानी पड़ी.
अन्य जगहों पर भी राज्यपाल के दौरे की आलोचना करते हुए पोस्ट और तख्तियां दिखायी गयीं. राज्यपाल ने कहा, ‘इतिहास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इंसाफ करेगा. इतिहास राज्यपाल जगदीप धनखड़ तथा नौकरशाही और मीडिया का भी इंसाफ करेगा.’ चुनाव बाद हुई हिंसा के संबंध में सूचना पाने के तमाम प्रयास के बावजूद राज्य सरकार से कोई जानकारी नहीं मिलने का दावा करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि राज्य सरकार संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत उन्हें आवश्यक सूचना मुहैया कराये.
उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी परिस्थिति में बिना किसी रुकावट और विचलित हुए बिना अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करूंगा.’ श्री धनखड़ की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद और पार्टी प्रवक्ता सौगत राय ने कहा, ‘उन्होंने (धनखड़) राज्य सरकार की नहीं सुनी और कूचबिहार गये. वह भाजपा नेता के साथ वहां गये. उनका व्यवहार असंवैधानिक है.’
श्री राय ने कहा, ‘हमने पहले भी राज्यपाल के विरुद्ध राष्ट्रपति को पत्र लिखा था. अगर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहेंगी, तो हम उनके खिलाफ फिर से राष्ट्रपति को पत्र भेजेंगे.’ दिन में कूचबिहार जिले में विभिन्न स्थानों का दौरा शुरू करते हुए राज्यपाल ने कहा था, ‘देश कोविड की चुनौती से जूझ रहा है तथा पश्चिम बंगाल को महामारी और चुनाव बाद हुई हिंसा की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.’
उनके अनुसार, यह हिंसा केवल इस आधार पर हो रही है, क्योंकि कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से वोट डालने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत सरकार सुनिश्चित करे कि कानून अपने हाथ में लेने वाले सभी लोगों को न्याय के शिकंजे में लाया जाये. विपक्षी पार्टी भाजपा का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस उसके कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ हिंसा कर रही है. हालांकि सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है.
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Posted By: Mithilesh Jha