कोलकाताः बंगाल की राजधानी कोलकाता में फर्जी कोरोना वैक्सीनेशन कैंप के सनसनीखेज खुलासा के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया है. वहीं, बंगाल के परिवहन मंत्री एवं कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम ने लोगों से अपील की है कि वे जहां-तहां वैक्सीन न लें. साथ ही कहा कि जिन लोगों को देबांजन के कैंप में फर्जी वैक्सीन दी गयी थी, डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के एसओपी के अनुसार, अब स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बगैर किसी भी जगह कोरोना वैक्सीनेशन कैंप नहीं लगाया जा सकेगा. निजी अस्पतालों को भी निर्देश दिया गया है कि वे किसी स्थान पर कैंप लगाने से पहले सभी तरह की जांच कर लें. जिलों में जिला मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी व कोलकाता में स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के बैगर कैंप नहीं लगाया जा सकेगा.
प्राइवेट कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर (सीवीसी) से भी स्पष्ट कह दिया गया है कि वे प्रतिदिन होने वाले टीकाकरण व वैक्सीन के स्टॉक की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दें. वैक्सीन खरीदने के बाद उन्होंने कहां-कहां उसकी सप्लाई की है, इसकी भी जानकारी देनी होगी. निजी कोविड वैक्सिनेशन सेंटर को नोडल ऑफिसर को नियुक्त करना होगा.
नोडल ऑफिसर को टीका के रख-रखाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग को साप्ताहिक जानकारी देनी होगी. इसके अलावा निजी सीवीसी में फर्स्ट और सेकेंड डोज लेने वाले लोगों की सूची हर रविवार को स्वास्थ्य विभाग को सौंपनी होगी.
कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम ने कहा है कि फर्जी वैक्सीनेशन मामले की पुलिस जांच कर रही है. अब आम लोगों को भी सचेत रहना चाहिए. उन्हें सरकारी, बड़े निजी अस्पताल या फिर निगम के टीकाकरण केंद्रों पर ही वैक्सीन लेना चाहिए. किसी भी कैंप में जाकर लोग यूं ही टीका न लें. फिरहाद ने कहा कि जिन लोगों को फर्जी टीका लगाया गया था, उनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.
फिरहाद हकीम ने कहा कि कोलकाता के कसबा और सिटी कॉलेज में फर्जी वैक्सीन लेने वाले लोगों की सेहत पर नजर रखने के लिए कोलकाता मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और कोलकाता नगर निगम के चिकित्सकों की एक कमेटी बनायी गयी है. यह कमेटी फर्जी वैक्सीन लेने वाले लोगों की सेहत पर नजर रख रही है.
Also Read: बंगाल में नकली कोरोना वैक्सीन के बाद अब नकली मिनरल वाटर कारखाने का भंडाफोड़
फिरहाद हकीम ने कहा कि वह देबांजन देव को पहले से नहीं जानते थे. पिछले साल कोरोना महामारी के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की ओर से नगर निगम को हैंड सैनिटाइजर, मास्क और हैंड ग्लव्स दिये गये थे. निगम को ये चीजें देने के लिए निगम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसी कार्यक्रम में देबांजन भी मौजूद था. यहीं उससे उनकी मुलाकात हुई थी. उसके पहले वह उसे नहीं जानते थे.
Posted By: Mithilesh Jha