कोलकाता : सीबीएसई (12वीं कक्षा) व आइएससी (12वीं कक्षा) की परीक्षा रद्द होने के बाद सबकी नजरें राज्य की माध्यमिक व उच्च माध्यमिक परीक्षाओं पर टिकी हैं. गुरुवार को शिक्षा विभाग की ओर से गठित विशेषज्ञ कमेटी की मामले पर वर्चुअल मीटिंग हुई, जिसमें सदस्यों ने अपने सुझाव दिये.
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने बताया कि कमेटी की शुक्रवार को भी एक मीटिंग होगी. इसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी. दिल्ली बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद राज्य सरकार भी परीक्षा पर दुविधा में है.
एक्सपर्ट पैनल में तीन शिक्षाविद, दो डॉक्टर व चाइल्ड राइट्स एडवोकेट शामिल हैं. इसमें नेताजी सुभाष मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति शुभशंकर सरकार, उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद की अध्यक्ष महुआ दास, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, वेस्ट बंगाल स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की अध्यक्ष अनन्या चक्रवर्ती, एसएसकेएम की एचओडी प्रोफेसर (डॉ) जीके ढाली और इंस्टीट्यूट ऑफ साइकिएट्री के निदेशक प्रोफेसर (डॉ) प्रदीप साहा को रखा गया है.
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ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व उच्च माध्यमिक परिषद से जुड़े माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में महामारी के बीच ऑनलाइन परीक्षा या टेस्ट नहीं हुए हैं. यदि परीक्षाएं नहीं हुईं, तो छात्रों का मूल्यांकन कैसे होगा, यह एक बड़ा सवाल है.
इन्हीं तकनीकी चीजों पर रिपोर्ट देने के लिए विभाग ने एक्सपर्ट पैनल बनाया था. कमेटी को तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था. अब कमेटी के सुझावों पर शिक्षा विभाग अगला कदम उठायेगा. कई राज्यों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को इस साल रद्द कर दिया है. अब देखना है कि बंगाल सरकार क्या फैसला लेती है.
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Posted By: Mithilesh Jha