कोलकाताः देश के कई राज्यों में लॉकडाउन में ढील के बाद पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार (14 जून) को लॉकडाउन में ढील देने की घोषणा कर सकती हैं, ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है. यह भी माना जा रहा है कि कल-कारखाने और मॉल का खुलना लगभग तय है. लेकिन, लोकल ट्रेन को चलाने पर अब भी संशय बरकरार है.
राज्य में संक्रमण के मामलों में लगातार कमी आ रही है. ऐसी स्थिति में राज्य में 15 जून के बाद पाबंदियों के संबंध में क्या फैसला होगा, इस पर कयास लगाये जा रहे हैं. राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में ममता बनर्जी सोमवार को अहम फैसला ले सकती हैं. सबकी नजर ममता बनर्जी पर है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों व प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पाबंदियों के जरिये ही संक्रमण को रोका जा सकता है, लेकिन पाबंदियों की वजह से राज्य पर दबाव लगातार बढ़ रहा है. प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद ही फैसला लेंगी.
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कइयों का मानना है कि पाबंदियों की मियाद थोड़ी बढ़ने पर भी इसमें ढील दिये जाने की उम्मीद है. हालांकि, पाबंदियों को पूरी तरह वापस लिये जाने की संभावना कम ही है. 16 मई को पाबंदियों के लागू होने से पहले राज्य में दैनिक संक्रमण करीब 20 हजार पहुंच गया था.
शुरू में 15 दिन के कड़ी पाबंदी लगायी गयी थी. बाद में इसे बढ़ाकर 15 जून तक कर दिया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका फायदा हुआ है. यही वजह है कि अब जरूरी गतिविधियों में छूट बढ़ेगी और कम जरूरी गतिविधियों पर पाबंदी आने वाले कुछ दिनों के लिए जारी रह सकती है.
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व्यापारी संगठनों या चैंबर्स के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पाबंदियों में कुछ छूट देने का इशारा भी किया था. इनमें होटल व रेस्तरां को शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक खोले जाने की अनुमति शामिल है. इसके अलावा शॉपिंग मॉल को पाबंदियों के बीच किस तरह चालू किया जाये. उस पर भी विचार किया जा रहा है.
मूल सवाल परिवहन क्षेत्र का है. परिवहन को चालू करना कितना सही होगा, इस पर प्रशासन की ओर से विशेष ध्यान दिया जा रहा है. संक्रमण में कमी आने पर देश भर में ट्रेनों की संख्या को बढ़ाया गया है. इस बीच, पूर्व रेलवे व दक्षिण पूर्व रेलवे ने 33 जोड़ी लंबी दूरी की नयी ट्रेनों को चालू किया है. हालांकि उपनगरीय लोकल ट्रेनों के चलने के संबंध में फैसला राज्य सरकार ही लेगी. मेट्रो के मामले में भी राज्य सरकार का फैसला ही रेलवे को मानना होगा.
Posted By: Mithilesh Jha