भारतीय निर्वाचन आयोग ने बंगाल में प्रथम चरण के चुनाव से पहले केंद्रीय सुरक्षा बलों की 820 कंपनियां यहां लाने का फैसला किया है. इसमें से 120 कंपनियां अगले सप्ताह तक राज्य में पहुंच जायेंगी, जबकि बाकी 650 कंपनियां प्रथम चरण के चुनाव से पहले यहां आ जायेंगी. इन कंपनियों के यहां पहुंचने के बाद राज्य में कुल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कंपनियों की संख्या 945 तक पहुंच जायेगी. यह राज्य में अब तक के किसी भी चुनाव में सबसे अधिक सीएपीएफ जवानों की तैनाती है.
चुनाव आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार चुनाव के दौरान प्रत्येक मतदान केंद्र पर कम से कम सीएपीएफ के छह जवानों की तैनाती की जायेगी. आयोग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन अतिरिक्त बलों के 25 मार्च को राज्य में पहुंचने की संभावना है. वर्तमान में, राज्य में केंद्रीय बलों की 125 कंपनियां तैनात हैं. इनका इस्तेमाल मतदाताओं के डर को दूर करने और गश्त के लिए किया जा रहा है. आठ मार्च तक सीएपीएफ की और 170 कंपनी के राज्य में पहुंचने की उम्मीद है.
कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए तैनात की जायेंगी 295 कंपनियां- प्रथम चरण के चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के साथ ही गैर-मतदानवाले जिलों में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाये रखने के लिए भी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों की तैनाती की जायेगी. बताया गया है कि गैर-मतदानवाले जिलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए 295 कंपनियों का इस्तेमाल किया जायेगा.
जानकारी के अनुसार, चुनाव के पहले चरण में 10,200 से अधिक बूथ शामिल हैं. प्रत्येक बूथ पर औसतन छह केंद्रीय सुरक्षा के जवानों को तैनात किया जायेगा. चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, पूरे फोर्स का इस्तेमाल केवल बूथ प्रबंधन के लिए नहीं किया जायेगा, बल्कि इनका इस्तेमाल इलाके में डोमिनेशन व फ्लाइंग स्क्वायड के लिए भी किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में आयोग ने केंद्रीय बलों की 842 कंपनियों को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया था. आयोग के सूत्रों ने कहा कि दूसरे या तीसरे चरण के मतदान से पहले अधिक बल आने की संभावना है
Posted By : Avinish kumar mishra