कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान यश का तांडव शुरू हो गया है. बुधवार दोपहर में लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चले तूफान की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गयी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार (28 मई) को चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगी.
यश चक्रवात से पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों के लगभग एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि लगभग तीन लाख से ज्यादा घर टूट गये हैं. बड़ी संख्या में नदियों के बांध गये हैं और कृषि संपदा और फसल की व्यापक क्षति हुई है. समुद्र का पानी घुस जाने के कारण खेती नष्ट हो गयी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को साइक्लोन के बाद आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग की.
मुख्य सचिव आलापन बंद्योपाध्याय ने उन्हें एक रिपोर्ट सौंपी है. वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिलाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है. यश चक्रवात तूफान का सर्वाधिक असर उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 के साथ-साथ पूर्वी मेदिनीपुर के तटवर्ती इलाके में दिखना शुरू हो गया है. नदियों के बांध टूट गये. समुद्र का पानी गांवों और घरों में घुस गया. लाखों मकान टूट गये हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाताओं को बताया कि 15 लाख 4 हजार 500 लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया गया है. एक करोड़ लोग तूफान से प्रभावित हुए हैं. तीन लाख घर टूट गये हैं. 14 हजार बांध टूटे हैं. राहत सामग्री के लिए 10 लाख तिरपाल, कपड़ा, चावल आदि भेजा गया है.
संदेशखाली एक-दो, हिंगलगंज, हासनाबाद, पाथरप्रतिमा, गोसाबा, कुल्टी, बासंती, कैनिंग- 1 और 2, बजबज, शंकरपुर, ताजपुर, रामनगर 1 और 2, नंदीग्राम 1 और 2, कोलाघाट, दीघा, शंकरपुर, ताजपुर, मंदारमनी, सागरद्वीप, काकद्वीप, नामखाना, बक खाली आदि इलाके प्रभावित हुए हैं.
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल नदियों का प्रदेश है. इस कारण बार-बार बाढ़ और चक्रवाती तूफान आते हैं. हर बार बांध बनाया जाता है और फिर वह टूट जाता है. इसे लेकर राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क फोर्स मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनाया गया है. इसमें बांध निर्माण के विभिन्न पहुलओं को लेकर चर्चा होगी.
ममता बनर्जी ने कहा कि चूंकि आज पूर्णिमा है, इसलिए यश चक्रवात का प्रभाव कुछ ज्यादा ही पड़ने की आशंका है. बताया कि कई इलाके पूरी तरह से जलमग्न हो गये हैं. स्थिति पर नियंत्रण और बचाव के लिए सेना की 17 टुकड़ियां उतारी गयी हैं. नदिया में 2, पुरुलिया और पश्चिमी बर्दवान में 2-2, झारग्राम और बांकुड़ा में 2-2, बीरभूम में 1, हावड़ा और कोलकाता पोर्ट में 2, पूर्व कोलकाता, मध्य कोलकाता और पूर्व मेदिनीपुर में 1-1, कोलकाता दक्षिण में 1, हुगली में 1 तथा बेहला में 1 टुकड़ी उतारी गयी है. एनडीआरएफ की 45 टीम के साथ-साथ राज्य के आपदा विभाग और कोलकाता पुलिस की टीम भी काम कर रही है.
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गंगासागर में कपिल मुनि के मंदिर के नीचे तक समुद्र का पानी पहुंच चुका है. मंदिर में रहने वाले सुबह तक मंदिर छोड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन धामरा में लैंडफॉल के बाद समुद्र का जलस्तर बढ़ने लगा और गांव दर गांव जलमग्न होने लगे हैं. अंत में प्रशासन उन्हें समझाने में कामयाब हुआ और बाद में सुरक्षित जगह पहुंचा दिया.
समुद्र का पानी इलाके में प्रवेश कर गया. कपिल मुनि आश्रम में पानी प्रवेश कर गया. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि 20,000 घर पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुके थे. काकद्वीप इलाके में समुद्र का पानी प्रवेश कर गया. मुरीगंगा नदी का तटबंध भी टूट गया. कई इलाकों में बांध टूटने के कारण समुद्र का पानी घरों में घुस गया. फलस्वरूप लोगों को अपना घर छोड़कर जाने के लिए विवश होना पड़ा.
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Posted By: Mithilesh Jha