हैमबर्ग में मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भरी हुंकार, शी चिनफिंग भारत की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक सके
हैमबर्ग : जी – 20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह के साथ आतंकवाद को समर्थन देने वालों तथा उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने चीन में होने वाली आगामी ब्रिक्स बैठक के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पूरा सहयोग का वादा […]
हैमबर्ग : जी – 20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाह के साथ आतंकवाद को समर्थन देने वालों तथा उसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया. साथ ही उन्होंने चीन में होने वाली आगामी ब्रिक्स बैठक के लिए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पूरा सहयोग का वादा किया और शुभकामनाएं दी. डोकाला विवाद के बीच दोनों नेता आज ब्रिक्स के सदस्य देशों के नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान मिले. मोदी ने ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी स्थापित करने के प्रयासों में तेजी लाने का आह्वान किया. वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत के आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संकल्प औरआर्थिक वृद्धि के मोर्चे पर सफलता की सराहना की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ब्रिक्स देशों के नेताओं को आतंकवाद से लड़ने और वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढाने में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने को कहा. उन्होंने जी20 देशों से भी आतंकवाद के लिए धन के रास्तों, उनकी सुरक्षित पनाहगाह और उन्हें समर्थन तथा उन्हें प्रायोजित करने वालों के खिलाफ सामूहिकरूप से कारवाई करने का आह्वान किया. जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर यहां ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों के नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक में मोदी ने सतत वैश्विक आर्थिक वृद्धि केलिए आपस में मिलकर काम करने पर जोर दिया.
मोदी ने इस मौके पर उनकी सरकार द्वारा आगे बढाये गये सुधारों को लेकर भी जिक्र किया. इस अवसर पर विशेषतौर से माल एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू किये जाने के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, ‘ ‘ब्रिक्स देशों की काफी मजबूत आवाज है और उन्हें आतंकवादी और वैश्विक अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर अपना नेतृत्व दिखाना चाहिये.’ ‘ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जी20 देशों को आतंकवाद के वित्तपोषण, उनका समर्थन, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह और प्रयोजित करने वालों का सामूहिकरूप से मुकाबला करना चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने खासतौर से व्यापार और ज्ञान तथा पेशेवरों के आवागमन को लेकर संरक्षणवाद अपनाये जाने के खिलाफ सामूहिक तौर पर आवाज उठाये जाने की भी वकालत की. ब्रिक्स देशों के नेताओं की यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम क्षेत्र में एक-दूसरे के खिलाफ आमने सामने डटी हैं. ब्रिक्स देश जी20 समूह का भी हिस्सा हैं. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जी 20 के सदस्य देश जिसमें भारत और चीन भी शामिल हैं, दुनिया में होने वाले कुल आर्थिक उत्पादन का 80 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं.