वाशिंगटन : भारत और अमेरिका गैर-मुनाफा व अन्य संगठनों के समूह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील की कि वह अमेरिका सरकार के दबाव में न आएं और अमेरिकी कारोबारी संघों के भारतीय व्यापार एवं आर्थिक नीतियों पर गुमराह करने वाले आरोपों को खारिज कर दें.
इस समूह के प्रतिवेदन पर हस्ताक्षर करने वालों ने कहा कि अमेरिकी कारोबारी संघों की ओर से अमेरिकी सरकार द्वारा भारत पर दबाव डालने की प्रक्रिया विश्व व्यापार संगठन के तहत उचित नहीं है. वृहस्पतिवार को जारी इस पत्र में कहा गया कि अमेरिका व्यापार प्रतिनिधि की हालिया पहल भी विश्व व्यापार संगठन के कानूनी उत्तरदायित्व के खिलाफ है और यह एकतरफा दबाव है और प्रतिबंध की धमकी, विश्व व्यापार संगठन के ढांचे के तहत कानूनी उत्तरदायित्व का उल्लंघन है.
संगठन ने कहा अमेरिका द्वारा भारत पर दबाव बनाने की कोशिश विश्व व्यापार संगठन के विवाद निपटान तंत्र का अवमूल्यन है. इस पत्र में प्रधानमंत्री से अपील की गई है वह विश्व व्यापार संगठन के विवाद निपटान संस्थान के जरिए अमेरिका की विशेष 301 प्रक्रिया की वैधता को चुनौती दें और अमेरिका अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयोग (यूएसआईटीसी) की जांच या बैठक के साथ सहयोग नहीं करना जारी रखें.
सगठनों ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वह धारा 92 की अधिसूचना जारी करें जिससे उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदित पेटेंट प्राप्त दवाओं के लिए अनिवार्य लाइसेंस की प्रक्रिया तेज करने में मदद मिलेगी. पत्र में भारत सरकार से कहा वह ब्रिक्स देशों से अमेरिका की अनुचित एकतरफा पहलों के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का आह्वान करे.