सिडनी: समलैंगिक विवाह के समर्थकों ने इस मामले पर डाक मत की विवादित सरकारी योजना के खिलाफ आस्ट्रेलिया की सर्वोच्च अदालत में आज कानूनी कार्रवाई शुरु की. चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में संकेत मिला है कि आस्ट्रेलिया में वैवाहिक समता को काफी समर्थन है लेकिन इस मामले पर निर्णय लेने के सर्वश्रेष्ठ माध्यम को लेकर राजनीतिक लडाई के बीच इसे लेकर गतिरोध एक दशक से भी अधिक समय से जारी है.
संसद ने उपरी सदन सीनेट ने पिछले साल एक करोड 50 लाख लोगों की संलिप्तता वाली राष्ट्रीय जनमत संग्रह योजना को अस्वीकार कर दिया था. इसके बाद सरकार ने अगस्त में कहा था कि स्वैच्छिक डाक मतदान किया जाएगा. समलैंगिक विवाह के समर्थकों ने दोनों विकल्पों की कडी निंदा की है. उनका तर्क है कि राष्ट्रीय स्तर पर मतदान कराना बहुत खर्चीला है और इसके कारण लोग समलैंगिकों एवं उनके परिवार को लेकर घृणा पैदा करने वाली टिप्पिणयां करेंगे.
वे स्वतंत्र संसदीय मतदान कराने के पक्ष में है जिसमें सांसद पार्टी नीति के अनुसार मतदान करने के लिए बाध्य नहीं हों. कानूनी कार्वाई में आस्ट्रेलिया मैरिज इक्वैलिटी एवं ग्रींस सीनेटर जैनेट राइस का प्रतिनिधित्व करने वाले ह्यमून राइट सेंटर की एना ब्राउन ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि मेलबर्न अदालत मतदान को अवैध करार देने का फैसला सुनाएगी. उन्होंने कहा, डाक जनमत संग्रह गैर जरुरी है और यह पहले से ही विभाजनकारी एवं नुकसानदेह है. एलजीबीटीआई समूह और हम जनमत संग्रह का कडा विरोध करते हैं.