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फ्रांस के राष्ट्रपति ने मेकअप पर 3 माह में खर्च किये 26 हजार यूरो यानी करीब 20 लाख रूपेय

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैकरोन करीब पांच माह पहले पूरी दुनिया में चर्चा में आये थे. वजह यह थी कि वह फ्रांस के इतिहास में अब तक के सबसे युवा राष्ट्रपति हैं. उनकी उम्र सिर्फ 40 साल है. लेकिन, इन दिनों वह दूसरी वजहों से चर्चा में हैं. फ्रांस के युवा राष्ट्रपति अपने लुक्स पर […]

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैकरोन करीब पांच माह पहले पूरी दुनिया में चर्चा में आये थे. वजह यह थी कि वह फ्रांस के इतिहास में अब तक के सबसे युवा राष्ट्रपति हैं.
उनकी उम्र सिर्फ 40 साल है. लेकिन, इन दिनों वह दूसरी वजहों से चर्चा में हैं. फ्रांस के युवा राष्ट्रपति अपने लुक्स पर भी खूब ध्यान देते हैं. इसके लिए वह प्रोफेशनल की भी सहायता लेते हैं. 14 मई, 2017 को सत्ता संभालने के बाद से मैकरोन ने शुरुआत के तीन महीने में अपने मेकअप पर करीब 26 हजार यूराे खर्च किया है. इस संबंध में फ्रांस की साप्ताहिक राजनीतिक पत्रिका ला प्वाइंट में हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, मैकराेन के मेकअप आर्टिस्ट को दो बार एलिसि पैलेस बुलाया गया था. एक बार उसे 10 हजार यूरो और दूसरी बार 16 हजार यूरो का भुगतान किया गया. एलिसि पैलेस फ्रांस के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास है. पत्रिका में इस रिपोर्ट के छपने के तुरंत बाद मैकरोन के सलाहकार ने उनके समर्थन में बयान देना शुरू कर दिया.
एक सलाहकार ने कहा- बहुत जरूरी होने की वजह से मेकअप आर्टिस्ट को बुलाया गया था. धीरे-धीरे मेकअप पर खर्च घटेगा. मैकरोन के सलाहकारों ने यह भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति की तुलना में वह मेकअप पर बहुत कम खर्च कर रहे हैं. मैकरोन ने स्टाफ के तौर पर भी किसी मेकअप आर्टिस्ट को नहीं रखा है.
इमैनुअल मैकरोन का जन्म 21 दिसंबर, 1977 को हुआ था. मैकरोन के बारे में इस तरह की खबर आने के बाद उनकी लोकप्रियता में और गिरावट आने के आसार हैं. ताजा सर्वे के अनुसार फ्रांस के मात्र 36 फीसदी लोगों को ही उनमें विश्वास कायम है. 49 फीसदी लोग मानने लगे हैं कि उनसे कुछ नहीं होगा.
पहले के राष्ट्रपति भी खूब खर्च करते थे
मै करोन से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति रहे फ्रांस्वा ओलांद भी अपने लुक्स को लेकर काफी संजीदा रहते थे. इसको लेकर उनकी खूब आलोचना भी होती थी. होलांद के बारे में खबर आयी थी कि उनके बाल काटने वाले को 10 हजार यूरो मासिक दिया जाता है.
यह राष्ट्रपति की तनख्वाह से मात्र पांच हजार यूरो कम था. इस संबंध में होलांद के बाल काटने वाले के वकील ने इस रकम को जायज ठहराते हुए कहा था – अपने काम के प्रति समर्पण की वजह से बाल काटने वाले को अपन खुशियों की कुर्बानी देनी पड़ी. वह अपने बच्चों के जन्म के समय, उनके ऑपरेशन के समय भी वहां मौजूद नहीं था क्योंकि उसे अपनी ड्यूटी निभानी थी.

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