वाशिंगटन:अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की नयी किताब ‘हार्ड चॉइसेज’ इस साल जून में बाजार में आएगी. यह पुस्तक अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदेश मंत्री के रूप में हिलेरी की भूमिका पर एक गहरी दृष्टि डालती है. किताब में हिलेरी ने 67वें अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में अपने चार साल के कार्यकाल में सामने आये संकटों, विकल्पों और चुनौतियों का जिक्र किया है. विश्व घटनाक्रमों के केंद्र में वह इस व्यक्तिगत वृतांत के शुरू में लिखती हैं, हममें से सबको अपने जीवन में कठिन विकल्पों का सामना करना पड़ता है. वह लिखती हैं, जीवन इस तरह के विकल्पों के बारे में है. हमारी पसंद और उनसे हम जिस तरह से निबटते हैं, उसी तरह के हम बन जाते हैं. सिमोन एंड शुस्टर द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का विमोचन 10 जून को होगा.
ओबामा की प्रतिद्वंद्वी, फिर बनीं विदेश मंत्री
वर्ष 2008 में राष्ट्रपति पद के लिए अपनी लड़ाई के बाद वह अमेरिका में न्यूयॉर्क प्रतिनिधित्व वापसी की उम्मीद करती थीं. वह तब आश्चर्यचकित हो गयीं जब डेमोक्रेटिक पार्टी के नामांकन के पूर्व उनके प्रतिद्वंद्वी, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें अपने प्रशासन में विदेश मंत्री बनाने की बात कही.
बयां किये हैं अपने अनुभव
किताब विदेश मंत्री के रूप में हिलेरी के चार असाधारण और ऐतिहासिक वर्षो, उनके और उनके सहकर्मियों के सामने आये कठिन विकल्पों का वृत्तांत है. प्रकाशकों ने एक बयान में कहा, विदेश मंत्री क्लिंटन और राष्ट्रपति ओबामा को टूटे गठबंधनों को जोड़ने, दो युद्धों को खत्म करने का फैसला और वैश्विक वित्तीय संकट के समाधान का फैसला करना था. उन्होंने चीन से उभरती प्रतिस्पर्धा, ईरान और उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते खतरे और समूचे मध्य पूर्व में हुई क्रांतियों का सामना किया. इसके अलावा उन्हें अमेरिकी विदेश नीति की कुछ सबसे कठिन दुविधाओं का सामना करना पड़ा, खास तौर पर अमेरिकियों को खतरे के रास्ते, ओसामा बिन लादेन की तलाश में अफगानिस्तान से लीबिया तक भेजने के मामले में. अपना कार्यकाल खत्म होने तक हिलेरी क्लिंटन ने 112 देशों की यात्र की. उन्होंने करीब 10 लाख मील का सफर तय किया. हिलेरी ने ‘लिविंग हिस्टरी’ और बच्चों से संबंधित ‘इट टेक्स ए विलेज’ जैसी कई किताबें लिखी हैं.