दक्षिण चीन सागर के ऊपर परमाणु हथियारों से लैस 11 अमेरिकी फाइटर जेट ने भरी उड़ान, देखता रह गया चीन
बीजिंग : भारत चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका ने चीन का अपनी ताकत दिखायी है. दक्षिण चीन सागर में जारी युद्धाभ्यास में अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति का जोरदार प्रदर्शन कर रहा है. सोमवार को अमेरिका के 11 हाईटेक फाइटर जेट ने परमाणु हथियारों के साथ दक्षिण चीन सागर पर उड़ान भरा. दक्षिणी चीन सागर का यह वही इलाका है जहां जापान का चीन के साथ मतभेद है.
बीजिंग : भारत चीन सीमा विवाद के बीच अमेरिका ने चीन का अपनी ताकत दिखायी है. दक्षिण चीन सागर में जारी युद्धाभ्यास में अमेरिका अपनी सैन्य शक्ति का जोरदार प्रदर्शन कर रहा है. सोमवार को अमेरिका के 11 हाईटेक फाइटर जेट ने परमाणु हथियारों के साथ दक्षिण चीन सागर पर उड़ान भरा. दक्षिणी चीन सागर का यह वही इलाका है जहां जापान का चीन के साथ मतभेद है.
इससे बौखलाए चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए अमेरिका दक्षिण चीन सागर में भारी संख्या में अपने बलों को भेजा है. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने पत्रकारों से कहा कि विवादित क्षेत्र में अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए अमेरिका जान-बूझकर यह कर रहा है. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन का परमाणु हथियार ले जाने वाले बी-52 एच बमवर्षक विमान का गुआम में तैनात करना और युद्धाभ्यास करना चीन को अपनी ताकत दिखाना है.
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इसे शक्ति का खुला प्रदर्शन करार दिया. वहीं अमेरिकी नौसेना ने ग्लोबल टाइम्स के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए मजाक भी बनाया है. अमेरिकी नौ सेना ने लिखा है कि इसके बावजूद वे उस इलाके में तैनात हैं. आपको बता दें कि यह वही समुद्री क्षेत्र है जहां चीन हमेशा दादागिरी दिखाता रहता है. चीन को चुनौती देने के लिए अमेरिका ने यहां दो विमानवाहक पोत भी भेजे हैं.
इन पोतों से ही उसके फाइटर जेट उड़ान भर रहे हैं. चीन की सेना भी दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास में जुटी है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब चीन और अमेरिका एक साथ इस क्षेत्र में सैन्य अभ्यास कर रहे हैं. अमेरिका के फाइटर जेट जब उड़ान भर रहे थे उस समय चीन की सेना भी वहीं मौजूद थी, लेकिन देखते रहने के सिवा उनके पास कोई चारा नहीं था.
अमेरिका ने कहा है कि उसके इस युद्धाभ्यास का मकसद इस इलाके के हर देश को उड़ान भरने, समुद्री इलाके से गुजरने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक संचालन करने में सहायता देना है. जबकि चीन इस इलाके को अपनी प्रोपर्टी बताता है. चीन दक्षिण चीन सागर के विवादास्पद पार्सल द्वीप समूह के समीप सैन्य अभ्यास कर रहा है. इस द्वीप समूह लेकर चीन और वियतनाम के बीच विवाद है. बीजिंग लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और क्षेत्र में अमेरिका के किसी भी दखल का विरोध करता है. चीन के इस दावे का वियतनाम और फिलीपींस समेत कई देश विरोध करते हैं.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.