एमएच370 के रहस्य के बाद विमान ट्रैकिंग में बदलाव पर जोर

मांट्रियल : लापता मलेशियाई विमानसेवा के विमान एमएच370 का पता लगाने के लिए उड्डयन अधिकारी उपग्रह की मदद से खोज, ब्लैक बॉक्स डाटा की क्लाउड स्टोरेज और अन्य तकनीकी उपायों को अपनाने पर विचार कर रहे हैं. आठ मार्च को 239 लोगों को लेकर कुआलालंपुर से बीजिंग की ओर उडान भरने वाला एमएच370 उसके बाद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2014 11:03 AM

मांट्रियल : लापता मलेशियाई विमानसेवा के विमान एमएच370 का पता लगाने के लिए उड्डयन अधिकारी उपग्रह की मदद से खोज, ब्लैक बॉक्स डाटा की क्लाउड स्टोरेज और अन्य तकनीकी उपायों को अपनाने पर विचार कर रहे हैं. आठ मार्च को 239 लोगों को लेकर कुआलालंपुर से बीजिंग की ओर उडान भरने वाला एमएच370 उसके बाद से लापता हो गया और उड्डयन क्षेत्र के इतिहास के सबसे बडे रहस्यों में से एक बन गया.

हिंद महासागर में व्यापक अंतरराष्ट्रीय खोज के बाद भी लापता बोइंग 777 का कोई निशान नहीं मिला. अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन इस तरह की त्रासदी और इससे जुडे रहस्य को दोबारा दोहराए जाने से रोकने के लिए कल और आज मांट्रियल में एक विशेष बैठक आयोजित कर रहा है.

एक बयान में कहा गया, भागीदारों की बैठक में वर्तमान तकनीकों के इस्तेमाल को खोजा जाएगा ताकि विमानों का पता वैश्विक स्तर पर और सही लागत पर लगाने के लिए साधन उपलब्ध कराए जा सकें. आईसीएओ ने कहा, इन तकनीकों की मदद से मूल आंकडे जैसे विमान की स्थिति, उसका झुकाव, गति, रिकॉर्ड की हुई बातचीत और अचानक किसी परिवर्तन की स्थिति में उपग्रह के माध्यम से ट्रांसमिट की गई बातचीत आदि जुटाने में मदद मिल सकती है.

वर्ष 2009 में रियो डी जेनेरियो से चले एयर फ्रांस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद फ्रांसिसी अधिकारी पहले ही आईसीएओ से नए मानक अपनाने के लिए लॉबिंग कर चुका है. इस जेटलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स वर्ष 2011 तक अटलांटिक महासागर के तल से नहीं मिल पाया था.

आईसीएओ की वेबसाइट पर प्रेषित यूरोपीय संघ के विमश पत्र में कहा गया, आम जनता के लिए यह सोचना भी मुश्किल है कि कोई विमान गायब भी हो सकता है. एक विमान को स्थायी तौर पर ट्रैक किया जाना चाहिए. रडार की पहुंच से बाहर होने पर भी और किसी दुर्घटना की स्थिति में भी उसका तुरंत पता लगाया जाना चाहिए. दो दिवसीय बैठक से पहले आईसीएओ ने इंडस्टरी के विभिन्न समूहों से उन तकनीकों की पूरी सूची तैयार करने के लिए कहा, जो विमानन क्षेत्र में लाभदायक हो सकते हैं.

आईसीएओ के इस आह्वान का जवाब ग्लोबलस्टार और रॉकवैल कॉलिन्स समेत कुल 22 कंपनियों ने दिया. आईसीएओ ने कहा, अब तक आईसीएओ की प्रश्नावली को मिले जवाबों से यह स्पष्ट होता है कि भारी मशीनरी के लिए वैश्विक कवरेज उपलब्ध करवाने वाले अलग व्यवसायिक हल मौजूद मौजूद हैं और उनकी लागत एक लाख डॉलर के भीतर है. ब्रिटिश उपग्रह संचालक इनमारसैट ने भी दुनिया की सभी यात्री विमानसेवाओं को ट्रैकिंग की मूल सेवा मुफ्त में देने का प्रस्ताव दिया.

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