कीव:महीनों की अशांति को खत्म करने के लिए अहम माने जा रहे चुनाव में यूक्रेन के लोग आज बड़ी संख्या में वोट डालने के लिए उमड़े, लेकिन रूस समर्थक विद्रोही यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में मतदान रूकवाने में कामयाब रहे. क्रीमिया पर रूस के कब्जे और पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र में सशस्त्र विद्रोह के बाद यह पूर्व सोवियत गणराज्य अपनी संप्रभुता बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है.
दो दशक पहले मिली आजादी के बाद से संकट का यह सबसे बुरा दौर है. अरबपति उद्योगपति पेट्रो पोरोशेंको ने बताया कि सर्वप्रथम बात हमें यह करनी चाहिए कि यूक्रेन के सभी लोगों के लिए शांति लानी चाहिए. कीव में अपना वोट डालने के बाद उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को अवश्य ही शहरों और कस्बों को खाली कर देना चाहिए. सात घंटे के मतदान के बाद 38 फीसदी मतदान दर्ज किया गया.
पश्चिमी देशों को गृह युद्ध की आशंका
पश्चिमी देश मतदान पर और रूस की कार्रवाई पर करीबी नजर रखे हुए हैं, उन्हें अंदेशा है कि यूरोप के इस पड़ोसी देश में गृह युद्ध छिड़ सकता है. पोरेशेंको ने दोंतस्क और लुगांस्क में प्रत्यक्ष वार्ता की अपील की, जहां दो हफ्ते पहले विद्रोहियों ने आजादी की घोषणा कर दी थी.