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सूर्य के पास से गुजरेगा नासा का पार्कर सोलर प्रोब

अंतरिक्ष एजेंसी नासा सूरज के वातावरण के बारे में अध्ययन करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके लिए उसने अपने पहले मिशन को सूरज तक भेजने के लिए पूरी तरह तैयार कर ली है. एक कार के आकार का यह अंतरिक्षयान सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा. इससे पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2018 1:18 AM
अंतरिक्ष एजेंसी नासा सूरज के वातावरण के बारे में अध्ययन करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसके लिए उसने अपने पहले मिशन को सूरज तक भेजने के लिए पूरी तरह तैयार कर ली है. एक कार के आकार का यह अंतरिक्षयान सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा. इससे पहले किसी भी अंतरिक्षयान ने इतना ताप और इतने प्रकाश का सामना नहीं किया है. पार्कर सोलर प्रोब छह जून 2019 को यूनाइटेड लॉन्च एलायंस डेल्टा चार हेवी में सवार होकर उड़ान भरेगा.
यह अंतरक्षियान मानव द्वारा अब तक निर्मित किसी भी वस्तु के मुकाबले सूर्य का ज्यादा करीब से अध्ययन करेगा. अमेरिका में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के हेलियोफिजिक्स साइंस डिविजन के सहयोगी निदेशक एलेक्स यंग ने कहा कि हम कई दशकों से सूरज का अध्ययन कर रहे हैं और अब आखिरकार हमें पता चलेगा कि हम किस हद तक सफल हुए हैं.
हम आंखों से जिस सूरज को देखते हैं वह उससे कहीं ज्यादा जटिल है. मनुष्य की आंखों को यह भले ही स्थायी, न बदलते हुए एक गोले की तरह नजर आता हो लेकिन सूरज एक गतिशील एवं चुंबकीय ढंग से सक्रिय सितारा है. पार्कर सोलर प्रोब अपने साथ विभिन्न उपकरणों को लेकर जा रहा है जो सूरज का भीतर से और आस-पास या प्रत्यक्ष रूप से अध्ययन करेगा. इन उपकरणों से जुटाये गये डेटा से वैज्ञानिकों को इस सितारे के बारे में तीन बुनियादी सवालों का जवाब देने में मदद मिलेगी.
150 लाख डिग्री सेंटीग्रेड तापमान है सूर्य के केंद्र का
सूर्य का तापमान इतना अधिक है कि वहां तक जाना असंभव है. प्रयोगों से यह पता चला है कि इसकी सतह का तापमान लगभग 6000 डिग्री सेंटीग्रेड है. इस तापमान पर लोहे जैसी धातु भी लगभग 1430 डिग्री सेंटीग्रेड पर पिघल जाती है. सूर्य की सतह से अंदर की ओर जाने पर तापमान बढ़ता जाता है. वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि सूर्य के केंद्र का तापमान लगभग 150 लाख डिग्री सेंटीग्रेड है.
यान के लिए तैयार की गयी है विशेष शील्ड
सूर्य के वातावरण का पता लगाने के लिए जो यान भेजा जायेगा, उसके लिए एक विशेष प्रकार की कार्बन कंपोजिट शील्ड तैयार की गयी है. यह शिल्ड 11.4 सेंटीमीटर की है. इससे 1377 डिग्री सेल्सियस के तापमान में भी यान को सुरक्षा मिलेगी. मैरीलैंड में गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के नासा के एक शोध वैज्ञानिक एरिक ईसाई के मुताबिक, सूर्य के लिए उड़ान भरने के लिए हमारा पहला मिशन है. इसे निश्चित तौर पर सूर्य के अधिक पास नहीं ले जाया जा सकेगा.

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