वाशिंगटन : विकासशील देश की वृद्धि दर इस साल निराशाजनक रहेगी. यह बात विश्वबैंक ने अपनी वैश्विक आर्थिक संभावना (जीइपी) की रपट में कही जिसमें इस साल विकासशील देशों की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जाहिर किया गया है जबकि जनवरी में 5.3 प्रतिशत वृद्धि की संभावना व्यक्त की गई थी.
अपनी ताजातरीन रपट में बैंक ने विकासशील देशों के लिए वृद्धि का अनुमान घटाया है और इस साल उसे इस क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है जो जनवरी के 5.3 प्रतिशत के अनुमान से कम है. रपट में 2015 और 2016 में वृद्धि दर में मजबूती के संकेत हैं जो क्रमश: 5.4 और 5.5 प्रतिशत होगी. बैंक ने कहा कि चीन की वृद्धि दर इस साल 7.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है लेकिन यह पुनर्संतुलन की कोशिश की सफलता पर निर्भर करेगा.
विश्वबैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा विकासशील दुनिया में वृद्धि दर इतनी कम रहेगी कि वैसे रोजगार के मौके पैदा नहीं हो पाएंगे जो सबसे गरीब 40 प्रतिशत आबादी के जीवन में सुधार के लिए जरुरी है. किम ने कहा स्पष्ट है कि विभिन्न देशों को तेजी से आगे बढ़ने और घरेलू ढांचागत सुधार में और निवेश करने की जरुरत है ताकि व्यापक आर्थिक वृद्धि को इस स्तर पर लाया जा सके और हमारे दौर की अत्यंत गरीबी को खत्म किया जा सके.
रपट में कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस साल आने वाले समय में तेजी आने की उम्मीद है कि और अनुमान है कि यह 2014 में 2.8 प्रतिशत रहेगी. 2015 और 2016 में यह क्रमश: 3.4 प्रतिशत और 3.5 प्रतिशत रहेगी.
रपट में कहा गया कि उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक वृद्धि में योगदान 2015 और 2016 में करीब आधा रहेगा जो 2013 में 40 प्रतिशत से कम है. विश्व बैंक के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं की वित्तीय स्थिति बेहतर हुई है.