पाकिस्तान में सिंहासन पर आसीन हुआ ‘पंजाब का शेर’

इस्लामाबाद : कभी सैन्य तख्तापलट में सत्ता से बेदखल किए गए नवाज शरीफ एक बार फिर से पाकिस्तान के लोकतांत्रिक सिंहासन पर आसीन हो गए. ‘पंजाब का शेर’ कहे जाने वाले शरीफ ने भारत के साथ शांति प्रक्रिया बहाल करने का वादा किया है.दहशतगर्दी की मार झेल रहे और दहशतगदरें की पनाहगाह बन चुके पाकिस्तान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

इस्लामाबाद : कभी सैन्य तख्तापलट में सत्ता से बेदखल किए गए नवाज शरीफ एक बार फिर से पाकिस्तान के लोकतांत्रिक सिंहासन पर आसीन हो गए. ‘पंजाब का शेर’ कहे जाने वाले शरीफ ने भारत के साथ शांति प्रक्रिया बहाल करने का वादा किया है.दहशतगर्दी की मार झेल रहे और दहशतगदरें की पनाहगाह बन चुके पाकिस्तान में बहुत सारे लोग शरीफ से बड़ी उम्मीद लगाए हुए है

पीएमएल..एन के प्रमुख नवाज शरीफ तीसरी बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद ऐसे वक्त में संभालने जा रहे हैं जब देश के सामने आर्थिक मंदी से लेकर तालिबान आतंकवाद जैसी विकराल समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं. चौदह वर्ष पहले सैन्य तख्तापलट का शिकार होने के बाद उन्हें निर्वासन में जाना पड़ा था.

नई कौमी एसेंबली के सत्र में 63 वर्षीय शरीफ को औपचारिक रुप से प्रधानमंत्री चुना जाएगा. इसके बाद शरीफ को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी शपथ दिलाएंगे. पाकिस्तान में 11 मई को हुए आम चुनावों में पीएमएल..एन सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी. शरीफ ने 1980 के दशक में सैन्य तानाशाह जिया उल हक के मातहत राजनीति की शुरुआत की थी. 342 सदस्यीय नेशनल एसेंबली में पीएमएल..एन के 180 से ज्यादा सांसद हैं.

बहरहाल, शरीफ के धुर आलोचक स्वीकार करते हैं कि अब वह बदल गए हैं और सउदी अरब में निर्वासन में रहने के कारण संभवत: उनमें बदलाव आया है. वर्ष 2000 में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के कारण उन्हें निर्वासन में जाना पड़ा था. रोचक बात यह है कि शरीफ जब सत्ता में वापसी कर रहे हैं ऐसे समय में मुशर्रफ कई हाई प्रोफाइल मामलों में अपने फार्महाउस में कैद हैं.

शरीफ और उनकी सरकार को सत्ता में आने के साथ ही कई वृहत् चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा जिसमें उर्जा संकट, तालिबान आतंकवाद और अर्थव्यवस्था में ठहराव शामिल है. उर्जा संकट के कारण देश भर में 20 घंटे से ज्यादा बिजली कटौती हो रही है और तालिबान आतंकवाद के कारण पिछले छह वर्ष में हजारों लोग मारे जा चुके हैं.

इस बीच, पीएमएल..एन ने कहा है कि शरीफ कौमी एसेंबली के संबोधन के दौरान इन चुनौतियों के समाधान के लिए कार्ययोजना का खुलासा करेंगे. उर्जा संकट के समाधान के लिए एक आर्थिक दल काम कर रहा है जिसमें शरीफ के निकट सहयोगी भी शामिल हैं. तेल आपूर्तिकर्ताओं के ऋण चुकाए जा रहे हैं और विद्युत संयंत्रों का नवीनीकरण किया जा रहा है.

‘‘पाकिस्तान : बिफोर एंड आफ्टर ओसामा’’ पुस्तक के लेखक और मशहूर विश्लेषक इम्तियाज गुल ने कहा कि लोग शरीफ के तीसरे कार्यकाल से काफी उम्मीद लगाए हुए हैं. गुल ने कहा कि सुधार के लिए इमरान खान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ ने एक एजेंडा पेश किया था और पीएमएल..एन उसके साथ चलेगी ताकि साबित किया जा सके कि पाकिस्तानी मीडिया की नजर में वे काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया की तरफ से काफी दबाव है.’’ शरीफ ने कहा है कि अमन-शांति के लिए वह तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान और अन्य आतंकवादी समूहों के साथ वार्ता को इच्छुक है.

बहरहाल इस पहल को तब झटका लगा जब हाल में अमेरिकी ड्रोन हमले में इसके उपप्रमुख वली उर रहमान के मारे जाने के बाद तालिबान ने वार्ता की अपने पेशकश को वापस ले लिया.

मनोनीत प्रधानमंत्री ने ड्रोन हमले की आलोचना की और कहा कि सीआईए द्वारा संचालित जासूसी विमान पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहे हैं. शरीफ ने भारत के साथ संबंध बेहतर बनाने के भी संकेत दिए हैं.

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