किनशासा: घरेलू कलह से जूझ रहे मध्य अफ्रीकी देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डी आर कांगो) में इबोला बीमारी के कारण एक हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा गए. अधिकारियों की ओर से दी गई इस जानकारी के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों ने आगाह किया है कि अशांत क्षेत्र में असुरक्षा के भाव की वजह से यह बेहद संक्रामक विषाणु गहरी चिंता की स्थिति उत्पन्न कर रहा है.
रिकॉर्ड के मुताबिक यह महामारी दूसरे सबसे भयावह प्रकोप का रूप ले चुकी है. इससे पहले इस महामारी के चलते 2014 से 2016 के दौरान पश्चिम अफ्रीका में 11,300 से अधिक मौतें हुईं थी. महामारी के प्रकोप को रोकने के प्रयास यहां जारी संघर्षों की वजह से तो प्रभावित हो ही रहे हैं लेकिन समुदायों के भीतर एहतियाती उपायों, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं दफनाने के सुरक्षित तरीकों के प्रति प्रतिरोध भी इसमें बाधा बन रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार देर शाम के एक बयान में कहा कि कुल मिलाकर 1,008 मौतें (942 पक्की एवं 66 संभावित) हुई हैं. डब्ल्यूएचओ ने शुरुआत में उम्मीद जताई थी कि वह इस प्रकोप को रोक सकता है. इस दावे के लिए एक नये टीके को आधार बनाया गया था, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों ने माना है कि असुरक्षा, वित्तीय संसाधनों का अभाव और स्थानीय राजनीतिकों की तरफ से लोगों को स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ करने से इसे रोकने के प्रयास गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं.