फोर्तालेजा (ब्राजील): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को बर्लिन से ब्राजील पहुंच गये. ब्रिक्स सम्मेलन से पहले मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले. नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति से मिलने पर उनसे हिन्दी में बातचीत की.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान सीमा पर शांति की जरूरत एवं द्विपक्षीय व्यापार असंतुलन दूर करने पर चर्चा की. चीन के राष्ट्रपति से मिलने के बाद अब मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि शी और पुतिन क्रमश: सितंबर और नवंबर-दिसंबर में भारत आने वाले हैं. रूस चाहेगा कि भारत द्विपक्षीय संबंध में सकारात्क रुझान बरकरार रखे, जिसकी बुनियादी पिछली सरकारों ने रखी है. वह प्रौद्योगिकी मुहैया कराने का इच्छुक है. भारत में असैन्य परमाणु संयंत्र स्थापना के लिए नयी जगह की तलाश करना चाहता है. क्योंकि प बंगाल में हरिपुर में बात नहीं बन रही.
ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी ब्रिक्स विकास बैंक की स्थापना, इसमें समूह के सभी देशों की बराबर की हिस्सेदारी के मुद्दे को प्राथमिकता देंगे. विकसित देशों के विकास में वित्तीय योगदान के लिए प्रस्तावित बहुपक्षीय वित्तीय संस्थान में भारत बराबर की हिस्सेदारी के पक्ष में है. भारत नहीं चाहता कि इसमें वही विसंगतियां घुसे, जो ब्रिटन वुड्स संस्थाओं आइएमएफ, वर्ल्ड बैंक और एडीबी में है, जहां अमेरिका और जापान जैसे देशों का वर्चस्व है.
भारत के प्रधानमंत्री आमतौर पर अटलांटिक में आगे की यात्रा पर फ्रैंकफुर्त मार्ग से जाते हैं. जर्मनी के आग्रह पर मोदी ने फ्रैंकफुर्त की जगह बर्लिन को यात्रा पड़ाव के रूप में चुना. हालांकि, जर्मनी के वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने की वजह से जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से उनकी भेंट नहीं हुई.