भारत-रुस संबंधों को नयी दिशा देंगे मोदी-पुतिन
फोर्टलेजा : भारत-रुस के मैत्री संबंधों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नयी दिशा देने की ओर अग्रसर हैं. यहां रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने रुस के साथ रक्षा एवं ऊर्जा क्षेत्रों में विशेष रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने की पैरवी की है. इसके साथ उन्होंने रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को […]
फोर्टलेजा : भारत-रुस के मैत्री संबंधों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नयी दिशा देने की ओर अग्रसर हैं. यहां रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान उन्होंने रुस के साथ रक्षा एवं ऊर्जा क्षेत्रों में विशेष रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने की पैरवी की है. इसके साथ उन्होंने रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को आगामी दिसंबर में होने वाली उनकी भारत यात्रा के दौरान कुडनकुलम परमाणु बिजली संयंत्र का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया.
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गौरतलब है कि रुस के साथ भारत के मैत्री संबंध काफी पुराने हैं. जब रुस सोवियत रुस हुआ करता था, उन दिनों में भी भारत-रुस संबंध काफी मधुर थे. सोवियत रुस के विघटन के बाद भी भारत और रुस के संबंधों में किसी तरह की खटास उत्पन्न नहीं हुई है. अब जबकि भारत में नयी सरकार का गठन हो चुका है, तो दोनों देशों के संबंध और मधुर होंगे. मंगलवार की रात को मोदी और पुतिन ने ब्रिक्स शिखर बैठक से इतर 40 मिनट तक मुलाकात की.
पुतिन के साथ बतौर प्रधानमंत्री अपनी मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी मुलाकात में रुस-भारत संबंध को मजबूती देने के बारे में बातचीत हुई। हम रुस के साथ अपनी मित्रता को काफी महत्व देते हैं. इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने मोदी को आम चुनाव में मिली भारी जीत पर बधाई दी.
साल 2001 में मॉस्को में पुतिन से मुलाकात करने वाले मोदी ने कहा कि रुस के साथ हमारा रिश्ता हर कसौटी पर परखा हुआ है तथा उन्होंने इस बात की सराहना की कि दोनों देशों के बीच आजादी के पहले से मधुर संबंंध हैं.इस मुलाकात के दौरान मोदी ने रुस की मित्रता और भारत की आजादी के बाद से भारत के आर्थिक विकास एवं सुरक्षा में द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग देने की जमकर सराहना की.
प्रधानमंत्री मोदी ने हिंदी में बोलते हुए कहा, अगर भारत में किसी बच्चे से पूछा जाए कि भारत का सबसे अच्छा दोस्त कौन है तो उसका जवाब रुस होगा क्योंकि संकट के समय रुस हमेशा भारत के साथ रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, प्रधानमंत्री ने भारत-रुस विशेष रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने और प्रगाढ बनाने में राष्ट्रपति पुतिन के निर्णायक नेतृत्व की प्रशंसा की.
मोदी ने कहा कि भारत इस रिश्ते को आगे ले जाने को प्रतिबद्ध है और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क के साथ परमाणु, रक्षा एवं ऊर्जा क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने पर जोर रहने वाला है.प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच उदार वीजा प्रणाली की जरुरत है और खासकर पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों के संदर्भ में वीजा नीति उदार होनी चाहिए.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के अनुसार राष्ट्रपति पुतिन ने स्वीकार किया कि इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरुरत है.मोदी ने सुझाव दिया कि इस साल दिसंबर में होने जा रहे वार्षिक शिखर बैठक संवाद के लिए भारत पहुंचने पर पुतिन को परमाणु निर्माण स्थल का दौरा भी करना चाहिए. उनका इशारा कुडनकुलम-2 संयंत्र की ओर था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर पुतिन ने जवाब दिया, यह एक अच्छा विचार है.गौरतलब है कि तमिलनाडु में स्थित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के यूनिट 1 और 2 का निर्माण रुस की मदद से किया गया जिस पर 17,200 करोड रुपये की लागत आयी है.