पाकिस्तान का कर्जदार है भारत?

कराची:भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के 67 साल बाद भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) को पाकिस्तान को पांच अरब 60 करोड़ पाकिस्तानी रुपये देने हैं. यह दावा पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने किया है. बैंक का कहना है कि यह पैसा आरबीआइ के पास मौजूद उस मौद्रिक संपत्ति का है, जो बंटवारे के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2014 7:16 AM

कराची:भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के 67 साल बाद भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) को पाकिस्तान को पांच अरब 60 करोड़ पाकिस्तानी रुपये देने हैं. यह दावा पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने किया है. बैंक का कहना है कि यह पैसा आरबीआइ के पास मौजूद उस मौद्रिक संपत्ति का है, जो बंटवारे के समय इसके पास रखा गयी थी.

एसबीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, 1947 में मिली आजादी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक की पाकिस्तान को देनदारी आज तक पूरी नहीं की गयी है. पाक के इस बैंक का दावा है कि आरबीआइ पर दो विशिष्ट संपति श्रेणियों में बकाया दिया जाना शेष है. पहली बड़ी श्रेणी में 4.1 अरब रुपये की कीमत वाले सोने के सिक्के, 501.6 लाख की स्टर्लिग सिक्योरिटीज, 4.9 लाख रुपये कीमत वाले सिक्के और 240.4 लाख रुपये की कीमत वाली भारत सरकार की प्रतिभूतियां हैं, जबकि संपति की दूसरी श्रेणी आरबीआइ की ओर से प्राप्त होनेवाले भारतीय नोट हैं.

बैंक का कहना है कि बंटवारे के समय दोनों देशों के राजनेताओं ने आरबीआइ को भारत-पाकिस्तान का केंद्रीय मौद्रिक अधिकरण माना था और भारतीय नोटों को दोनों देशों में मान्य करार दिया था. हालांकि आजादी के एक साल बाद ही दोनों देशों ने आपसी सहमति से आरबीआइ को भारत-पाक का केंद्रीय मौद्रिक अधिकरण नहीं मानने पर सहमति जतायी. एक जुलाई, 1948 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया केवल भारत का ही सर्वोच्च बैंक माना गया. इस घोषणा के ठीक दूसरे दिन यानी दो जुलाई, 1948 को पाक के केंद्रीय बैंक एसबीपी ने एक स्टेटमेट जारी किया, जिसमें आरबीआइ के पास अनसैटल्ड संपति का ब्योरा दिया गया था. वहीं, समझौते के अनुसार, पाकिस्तान में 30 जून, 1948 तक प्रचलित भारतीय सिक्कों और नोटों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को लौटाना था और इनके बदले आरबीआइ से समान मूल्य की संपत्ति ट्रांसफर की जानी थी.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, आरबीआइ से पाकिस्तान को 1.7 अरब रुपये दिये जाने थे, लेकिन आरबीआइ ने केवल 1.2 अरब रुपये ही लौटाये. पाक की ओर से मांगे गये रुपयों और आरबीआइ द्वारा अदा की गयी राशि में करीब 49 करोड़ रुपये की राशि बकाया चल रही है. आजादी के समय की यह 49 करोड़ रुपये की रकम महंगाई, मुद्रा विनिमय दर और प्रतिभूति दरों के बदलाव के कारण तेजी से बढ़ गयी. अब यह रकम बढ़ कर 5.6 अरब रुपये तक जा पहुंची है.

Next Article

Exit mobile version