कुआलालंपुर : कहते हैं कि किस्मत पर किसी का जोर नहीं चलता. मलेशिया एयरलांइस के साथ जुड़े एक भारतीय दंपति के साथ कुछ ही ऐसा ही हुआ. विमान से जुड़ी दो त्रासदियों में एक बार किस्मत ने पत्नी को बचा लिया, लेकिन दूसरी में किस्मत ने दगा दिया और पति की मौत हो गयी.
पिछले दिनों पूर्वी यूक्रेन में मार गिराए गए मलेशिया एयरलांइस के विमान एमएच-17 के चालक दल के सदस्य संजीद सिंह संधू की पत्नी बीते आठ मार्च को लापता हुए मलेशियाई विमान एमएच 370 में सवार होने वाली थीं, लेकिन उन्होंने किसी वजह से अपने एक सहकर्मी से शिफ्ट बदल ली और उनकी जान बच गयी.
बीजिंग जा रहा विमान बीच रास्ते से लापता हो गया था और आज तक उसका पता नहीं चल पाया. विमान में कुल 239 लोग सवार थे.पहले वाली त्रासदी में 41 साल के संधू के परिवार पर किस्मत ने मेहरबानी दिखाई और उनकी पत्नी बच गईं, लेकिन इस बार किस्मत ने संधू का साथ नहीं दिया.
दरअसल, संधू घटना वाले दिन छुट्टी करने वाले थे, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने अपनी शिफ्ट अपने एक सहकर्मी से बदल ली और एमएच-17 विमान में सवार हो गए. एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहे इस विमान को पूर्वी यूक्रेन में मार गिराया गया. इस घटना में विमान में सवार सभी 298 लोग मारे गए.
संधू के पिता जिजर सिंह के मुताबिक संधू की मां ने मलेशिया के पेनांग में अपने बेटे के आने की खुशी में उसके लिए उसकी पसंद का खाना बनाया था. पर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और यह मां अपने बेटे का इंतजार करती रही, लेकिन बेटा नहीं आया. हां उनके पास एक मनहूस खबर आई कि अब उनका बेटा कभी नहीं लौटेगा.
उन्होंने कहा, विमान के उडने से कुछ देर पहले ही मेरे बेटे ने मुझसे फोन पर बात की थी. मुझे नहीं पता था कि उसके साथ यह आखिरी बातचीत हो रही है. संधू के माता-पिता को उनकी बहन ने इस दुखद घटना के बारे में इटली से फोन कर बताया.