पूर्वोत्तर में चीन की बढ़ती दखल को देखते हुए भारत सरकार ने पहली बार इस इलाके के विकास के लिए बजट में प्रावधान किया है. सरकार ने पूर्वोत्तर में सड़कों के विकास के 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. साथ ही पूर्वोत्तर के लिए 24 घंटे का टीवी चैनल शुरू करने और खेल विश्वविद्यालय के स्थापना की भी घोषणा की है.
सरकार ने की विश्वास जगाने की कोशिश
सरकार की इन कोशिशों को इस नजरिये से देखा जाना चाहिए कि वह समझती है कि पूर्वोत्तर में स्थिति गंभीर होती जा रही है. जिस तरह पूर्वोत्तर के लोगों के साथ देश में व्यवहार किया जा रहा है, इससे उनका अपनी सरकार के प्रति विश्वास घटता जा रहा है. पूर्वोत्तर से दिल्ली उच्च शिक्षा के लिए आने वाले छात्रों के साथ भी अमानवीय व्यवहार किया जाता है. पिछले दिनों दिल्ली में अरुणाचल प्रदेश के एक युवक नीडो की हत्या कर दी गयी थी. यह स्थिति काफी गंभीर है और ऐसे में ही अलगाववादी ताकतों को अपनी शक्ति बढ़ाने का मौका मिलता है. इन इलाकों के लोगों में भारत सरकार के प्रति विश्वास पैदा करना चाहते हैं. सरकार यह बताना चाहती है कि यह सरकार पूर्वोत्तर के लोगों की भी है और उनकी चिंता करती है.
उपेक्षित रहा है पूर्वोत्तर
आजादी के बाद से आज तक पूर्वोत्तर के विकास पर किसी भी सरकार ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. परिणाम यह हुआ कि यह इलाका देश के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले पिछड़ा रह गया. यहां कि भौगिलक स्थिति भी ऐसी है कि यह इलाका देश से बिलकुल अलग-थलग पड़ गया है. बस इसी बात का फायदा उठाते हुए चीन ने हमेशा ही अरुणाचल प्रदेश पर अपना हक जमाने की कोशिश की है. वह हमेशा ही अरुणाचल के इलाकों में घुसपैठ करता है और इस इलाके को अपना बताता है.