इस्लामाबाद : पाकिस्तान की एक अदालत ने साल 2007 में न्यायाधीशों को बर्खास्त करने और उन्हें नजरबंद करने के मामले में पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ उनके ही फार्महाउस में सुनवाई की इजाजत दे दी है.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने आज आतंकवाद निरोधी अदालत के न्यायाधीश कौसर अब्बास जैदी से कहा कि वह 69 साल के मुशर्रफ के खिलाफ सुनवाई उनके फार्महाउस में कर सकते हैं. मुशर्रफ का फार्महाउस इस्लामाबाद के बाहरी इलाके चक शहजाद में स्थित है.
अदालत ने रजिस्ट्रार और जैदी की ओर से फार्महाउस पर सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिए जाने के बाद यह फैसला किया.
साल 2007 में आपातकाल लगाने और उपरी अदालतों के कई न्यायाधीशों को नजरबंद करने के मामले में मुशर्रफ के खिलाफ आतंकवाद निरोधी अदालत सुनवाई कर रही है.
इस्लामाबाद में हाल के समय तक कोई आतंकवाद निरोधी अदालत नहीं थी, लेकिन मुशर्रफ के सुनवाई के लिए खास तौर पर इस अदालत की स्थापना की गई.
इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त ने हाल ही इस बात की अधिसूचना जारी की थी कि मुशर्रफ के मामले की सुनवाई उनके फार्महाउस में ही होगी, लेकिन जैदी की ओर से सुरक्षा से संबंधित चिंता जताए जाने के कारण इस अधिसूचना को वापस ले लिया गया.
जैदी ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट को सुरक्षा चिंताओं के बारे में लिखित तौर पर सूचित किया. इसमें उन्होंने मुशर्रफ के फार्महाउस में ही अदालत कक्ष स्थापित करने और सुरक्षा कारणों से उनके निजी इस्तेमाल के लिए बुलेटप्रूफ वाहन मुहैया कराने की मांग की थी.
खबरों में कहा गया है कि इस्लामाबाद के प्रशासन ने अदालत कक्ष की स्थापना कर दी है और कैबिनेट डिवीजन से न्यायाधीश को बुलेटप्रूफ कार मुहैया कराने के लिए कहा है. तालिबान कम से कम दो बार वीडियो जारी करके मुशर्रफ को जान से मारने की धमकी दे चुका है.
मुशर्रफ के खिलाफ मामले की अगली सुनवाई 6 जून को मुकर्रर की गई है. अधिकारियों का कहना है कि अभियोजकों ने अभी मुशर्रफ के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है जिसकी प्रति पूर्व राष्ट्रपति के वकील को भी मुहैया कराई जाएगी.