14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हांगकांगः छात्र-युवाओं के विरोध प्रदर्शन जारी, अस्थिरता बढ़ने के आसार

हांगकांग की मुख्य प्रशासक कैरी लाम द्वारा प्रस्तावित प्रत्यर्पण विधेयक के वापस लेने की घोषणा के बाद भी छात्र-युवाओं के विरोध प्रदर्शन जारी हैं. तकनीकी रूप से यह विधेयक अभी भी अगले साल जुलाई तक चीन के इस स्वायत्त द्वीपीय क्षेत्र के विधायी परिषद के एजेंडे में है. प्रदर्शनकारी इसे पूरी तरह रद्द करने के […]

हांगकांग की मुख्य प्रशासक कैरी लाम द्वारा प्रस्तावित प्रत्यर्पण विधेयक के वापस लेने की घोषणा के बाद भी छात्र-युवाओं के विरोध प्रदर्शन जारी हैं. तकनीकी रूप से यह विधेयक अभी भी अगले साल जुलाई तक चीन के इस स्वायत्त द्वीपीय क्षेत्र के विधायी परिषद के एजेंडे में है.
प्रदर्शनकारी इसे पूरी तरह रद्द करने के साथ पुलिस के रवैये की जांच तथा अपने साथियों को रिहा करने और मुकदमे वापस करने की मांग कर रहे हैं. पहले भी कार्यकर्ताओं, लेखकों तथा विरोधियों को अपहृत कर चीन भेजे जाने के मामले सामने आते रहे हैं. चीनी सरकार और युवा पीढ़ी के बीच भरोसा बेहद कम हो चुका है. हांगकांग की हालिया घटनाओं के विश्लेषण के साथ प्रस्तुत है आज का इन-डेप्थ…
चीन-हांगकांग समीकरण
करीब 75 लाख आबादी के हांगकांग का 1997 में चीन के सकल घरेलू उत्पादन में 16 फीसदी हिस्सा था, जो चीन के तेज विकास के कारण घटकर सिर्फ दो फीसदी रह गया है, पर आज भी यह वित्तीय गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र और आर्थिक सुधारों का परीक्षण-स्थल है. चीनी मुद्रा युआन को वैश्विक पटल पर स्थापित करने की चीन की सावधानीपूर्ण पहल के लिए हांगकांग ही आधार बना था. हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज चीनी कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने का अहम माध्यम है.
हालिया घटनाओं ने दो साल पहले अप्रत्यक्ष रूप से चीन द्वारा चुनी गयीं मुख्य प्रशासक कैरी लाम को दुविधा में फंसा दिया है. अगर वह प्रदर्शनकारियों के सामने झुकती हैं, तो चीन नाराज होगा. यदि वे अपने एजेंडे को आगे बढ़ाती हैं, तो हांगकांग में अस्थिरता और बढ़ेगी. जानकारों की मानें, तो चीन 2047 में बेसिक लॉ के तहत हांगकांग पर पूर्ण नियंत्रण से पहले अपना दबदबा बनाने की कोशिश करता रहेगा.
क्या है प्रस्तावित प्रत्यर्पण कानून
लोग उस कानूनी बदलाव के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें हांगकांग से चीन प्रत्यर्पण करने की प्रक्रिया को आसान बनाने का प्रावधान किया गया है.
नये कानून के समर्थकों का मानना है कि यह कानून शहर को अपराधियों की शरणस्थली बनने से रोकेगा, जबकि कानून के आलोचकों का तर्क है कि बीजिंग इस कानून का इस्तेमाल राजनीतिक विपक्षियों और अन्य लोगों के प्रत्यर्पण के लिए कर सकता है. संशोधन कानून के तहत, सात साल या अधिक जेल की सजा वाले दोषियों को प्रत्यर्पित किया जायेगा.
लोग क्यों हैं क्रोधित
हांगकांग के ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस प्रत्यर्पण कानून का मकसद राजनीतिक विपक्षियों को निशाना बनाना है. उनको इस बात की चिंता है कि नया कानून ‘एक देश, दो तंत्र’ की नीति का अंत कर देगा.
इससे हांगकांग के निवासियों को मिलनेवाले सिविल अधिकार खत्म हो जायेंगे, जो ब्रिटेन द्वारा चीन को 1997 में संप्रभुता के हस्तांतरण के समय से मिले हुए हैं. प्रदर्शन में शामिल कई लोगों का कहना है कि वे चीन पर इसलिए विश्वास नहीं कर सकते, क्योंकि वह सरकार के आलोचकों के साथ गैर-राजनीतिक अपराध करता है.
उनका मानना है कि हांगकांग के अधिकारी बीजिंग की मांग को खारिज नहीं कर सकते. कानूनी पेशेवरों का मानना है कि इससे प्रत्यर्पित किये हुए लोगों के अधिकार खतरे में पड़ जायेंगे. चीनी अदालतों द्वारा सजा देने की दर 99 प्रतिशत है. वहां ऐच्छिक गिरफ्तारी, यातना और आरोपी को कानूनी अधिकारों से वंचित करना आम बात है.
कौन कर रहा है बदलाव का समर्थन
सरकार का दावा है कि यह कानूनी बदलाव ताइवान और मकाऊ में भी लागू होगा. बीते वर्ष हांगकांग की महिला की ताइवान में हुई हत्या के मसले को भी इस कानून से जोड़ा जा रहा है. महिला अपने पुरुष मित्र के साथ ताइवान में थी. ताइवानी अधिकारियों को हत्या मामले में महिला के पुरुष मित्र पर शक था, जो हांगकांग में है, लेकिन प्रत्यर्पण समझौता नहीं होने की वजह से वे प्रयास नहीं कर सके.
अधिकारियों ने दावा किया है कि इससे किसी प्रकार का बुरा बर्ताव नहीं किया जायेगा और न ही राजनीतिक या धार्मिक कार्रवाई पर किसी को चीन भेजा जायेेगा. मृत्युदंड की सजा पाये किसी संदेहास्पद को भी प्रत्यर्पित नहीं किया जायेगा. हांगकांग के अधिकारियों ने दोहराया है कि उक्त विधेयक बीजिंग की केंद्र सरकार द्वारा नहीं लाया गया है. हालांकि, बीजिंग ने इस बदलाव का खुला समर्थन किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें