बीजिंग: चीन जल्दी ही तिब्बत में नई रेल लाइन का निर्माण शुरु करेगा. यह रेल लाइन अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तक पहुंचेगी. इतना ही नहीं सिक्किम की सीमा से लगा एक अन्य रेल संपर्क अगले महीने परिचालन में आ जाएगा. इससे चीनी सेना का दूरदराज क्षेत्रों तथा रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण हिमालय क्षेत्र में आवागमन बढेगा.
चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की पहले पृष्ठ पर छपी रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘स्काई रेल ल्हासा से दक्षिण तिब्बत तक चलेगी.’’ रपट में अरुणचाल प्रदेश पर चीन के दावे को रेखांकित करते हुए विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि विवादास्पद सीमाओं वाले उस इलाके में रेल नेटवर्क का विस्तार भारत के साथ वार्ताओं में ‘‘सौदेबाजी के मुद्दे ’’ के रप में इस्तेमाल किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा को भारत के सिक्किम की सीमा के साथ नेपाल और भूटान से लगे शीगेज से रेल संपर्क से जोडा जा रहा है. फिलहाल इस पर परीक्षण जारी है और यह अगले महीने परिचालन में आ जाएगा.
इसमें यह भी कहा गया है कि ल्हासा से नियिंगची तक रेल संपर्क पर भी जल्दी ही काम शुरु होने की संभावना है.नियिंगची अरुणचल प्रदेश के पास है. रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक रेल विस्तार से नेपाल, भूटान और भारत जुड जाएंगे. तिब्बत के रेल कार्यालय के उप निदेशक यांग युलिन ने कहा कि 13वीं पंचवर्षीय योजना (2016-2020) के दौरान शिगेट्से को रेल नेटवर्क के जरिये गिरोंग काउंटी को जोडने को लेकर निर्माण कार्य शुरु होगा. गिरोंग काउंटी नेपाल के करीब है. यह नेपाल को जोडने वाला चेक प्वाइंट है. वहीं यातुंग काउंटी भारतीय सीमा सिक्किम तथा भूटान के पास है. यातुंग एक व्यापार केंद्र है.
इससे चीनी सेना का दूरदराज क्षेत्रों तथा रणनीतिक रुप से महत्वपूर्ण हिमालय क्षेत्र में आवागमन बढेगा.