संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन- पाकिस्तान को लगाई लताड़
संयुक्त राष्ट्रः भारत को अक्सर ही घेरने वाले उसके दोनों ही पड़ोसी देश इस बार खुद संयुक्त राष्ट्र में घिर गए हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान और चीन पर धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया है. दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर […]
संयुक्त राष्ट्रः भारत को अक्सर ही घेरने वाले उसके दोनों ही पड़ोसी देश इस बार खुद संयुक्त राष्ट्र में घिर गए हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा समेत संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान और चीन पर धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया है.
दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर एक लंबी बहस चल रही है. इसी बहस में चीन और पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई गयी. उन्हें अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा के बाबत कड़े शब्दों में आगाह किया गया है.संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार अध्यक्ष नवीद वॉल्टर ने खासतौर पर पाकिस्तान पर निशाना साधा.
#WATCH United States, United Kingdom & Canada, at UN meet on Safety of Religious Minorities, in New York, slam Pakistan & China for discrimination against religious minorities. pic.twitter.com/tuSX5fTLls
— ANI (@ANI) August 23, 2019
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों समेत ईसाई और हिंदुओं की स्थिति काफी दयनीय है. उन्हें समाज में हाशिये पर ढकेल दिया गया है. उनके मानवाधिकारों का दमन कर उत्पीड़न किया जा रहा है. इसके साथ ही चीन पर भी निशाना साधते हुए नवीद ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उइगर मुसलमानों की धार्मिक आवाज को दबाया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में अमेरिकी दूत सैम ब्राउनबैक ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यक भेदभावपूर्ण कानूनों और प्रथाओं से पीड़ित हैं. साथ ही चीन में धार्मिक स्वतंत्रता पर व्यापक और अनुचित प्रतिबंध बढ़ाए जा रहे हैं, इसे लेकर हम चितिंत हैं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान और चीन भारत पर जम्मू-कश्मीर में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते आए हैं. हालिया दिनों में भी जब भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को हटाया तो दोनों ही पड़ोसी देशों ने मुसलमानों को लेकर भारत को घेरने की कोशिश की.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि अकबरुद्दीन ने उनके सारे कुतर्कों की धार कुंद कर दी. अब संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन का चेहरा अल्पसंख्यकों के साथ उनके बर्ताव को लेकर बेनकाब हो गया है.