जॉन केरी करेंगे सुषमा स्वराज से मुलाकात, कई मुद्दों पर होगी चर्चा
नयी दिल्ली: अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी बुधवार को भारत पहुंच चुके हैं. केरी तीन दिनों की भारत यात्रा पर हैं. इस दौरान केरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. तीन दिवसीय अपनी आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ आज भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की सह अध्यक्षता करेंगे. सुषमा के […]
नयी दिल्ली: अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी बुधवार को भारत पहुंच चुके हैं. केरी तीन दिनों की भारत यात्रा पर हैं. इस दौरान केरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. तीन दिवसीय अपनी आधिकारिक भारत यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ आज भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की सह अध्यक्षता करेंगे. सुषमा के साथ केरी की इस मुलाकात में कई मुद्दों पर बातचीत हो सकती है जिसमें मुख्य रुप से जासूसी मुद्दों के अलावा हाफिज सईद के गिरफ्तारी पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा मुख्य रुप से दोनों देश आपसी व्यापार पर भी जोर देंगे.
जॉन केरी के साथ अमेरिका विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी भी भारत आयीं है. इसके अलावा उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल में अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर भी शामिल हैं. इन दोनों के आगमन के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में और मजबूती आने की संभावना है. यह ओबामा और मोदी के नेतृत्व वाली भारत की नयी सरकार के बीच पहली कैबिनेट स्तरीय बैठक है.
विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने संवाददाताओं को बताया कि रणनीतिक वार्ता से भारत के साथ पहले से ही मजबूत रहे संबंधों को और मजबूती प्रदान करने और नई सरकार के साथ द्विपक्षीय वार्ताओं व क्षेत्रीय हितों को आगे बढाने पर काम शुरु करने का मौका है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह वार्ता व्यापार बढाने और अधिक साझा समृद्धि प्राप्त करने पर केंद्रित होगी. वार्ता में आपसी सहयोग और स्वच्छ उर्जा के जरिए भारत की उर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने, आतंकवाद के विरुद्ध लडाई में आंतरिक सुरक्षा सहित दोनों ही देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के बढते खतरे जैसे वैश्विक मुद्दों को सुलझाने पर केंद्रित होगी.’’ सांसद क्राउली ने उम्मीद जतायी कि भविष्य में होने वाली वार्ताओं में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत व प्रगाढ करने के लिए विदेश मंत्रलय से परे भी दोनों देशों के चुने गए अधिकारियों को ऐसी चर्चाओं में शामिल किया जाएगा.
ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन में विदेश नीति कार्यक्रम से जुडी एवं न्यू इंडिया प्रोजेक्ट की निदेशक तन्वी मदान ने पीटीआई से कहा, ‘‘इस वक्त जब कई विदेश नीति संकट हैं और कई मुद्दों पर अमेरिका को ध्यान देने की आवश्यकता है जिसमें तत्कालीन दौरा और भविष्य के कई दौरों – चक हेगल :रक्षा मंत्री: के दौरे सहित – से यह संकेत मिलता है कि ओबामा प्रशासन इस संबंध को प्राथमिकता देता है और इस मौके का लाभ उठाना चाहती है कि भारत की नई सरकार ने इसे आगे बढाने की पेशकश की है.’’ मदान ने कहा, ‘‘यह (केरी और प्रित्जकर की यात्रा ) अमेरिका की तरफ से पहली प्रमुख यात्रा है और यह यात्रा दोनों राजनीतिक नेतृत्वों को आपने सामने का सम्पर्क और सक्रिय संबंध स्थापित करने का मौका प्रदान करेगा.
इससे दोनों ही पक्षों को वाणिज्य, आंतरिक सुरक्षा, उर्जा, जलवायु परिवर्तन जैसे कई पक्षों पर बातचीत को आगे बढाने एवं प्रधानमंत्री के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा की वार्ता की दिशा में मजबूत माहौल बनाने का अवसर मिलेगा.’’ मदान ने कहा, ‘‘जहां तक उम्मीदों का सवाल है तो मैं किसी बडी घोषणाओं- बडे परिणाम और उत्पादों की उम्मीद नहीं करती, इनके मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान घोषणा किए जाने की उम्मीद है. मैं उम्मीद करती हूं कि यह यात्रा इन घोषणाओं के लिए जमीन तैयार करने का काम करेगी.’’
भारत हमेशा से अमेरिका के साथ व्यापार और राजनीतिक रिश्तों की बीच मजबूती की उम्मीद रखता है. अधिकारियों का कहना है कि केरी की यह यात्रा मोदी की सितम्बर में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात के लिए होने वाली अमेरिका यात्रा के लिए आधार बनाएगी.