नयी दिल्ली: अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने आज यहां वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में व्यापार सुगमता समझौता (टीएफए) वार्ता में भारत के रुख पर विचार विमर्श किया. इससे पहले केरी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की. जिनेवा में चल रही इस वार्ता को आज सम्पन्न करने का लक्ष्य है.
केरी के साथ अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिट्जकर भी थीं. पेनी टीएफए वार्ताओं में भारत के रुख को लेकर पहले ही निराशा जता चुकी हैं. टीएफए का उद्देश्य वस्तुओं के मुक्त आवागमन के लिए सीमा शुल्क प्रक्रिया को उदार बनाना है. बैठक की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने अच्छी चर्चा की. भारत बडा बाजार है. हमने डब्ल्यूटीओ से जुडे मुद्दों पर भी चर्चा की.’
भारत टीएफए का समर्थन करता है पर देश का कहना है कि खाद्य सुरक्षा के लिए सार्वजनिक भंडार के मुद्दे का स्थायी समाधान निकलने तक वह टीएफए की पुष्टि नहीं करेगा. टीएफए विकसित देशों का प्रिय विषय है जबकि भारत चाहता है कि करोडों गरीब लोगों के लिए सस्ते अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार निर्धारित मूल्य पर सरकारी खरीद व भंडारण के विषय में डब्ल्यूटीओ में अपत्ति के खिलाफ गारंटी दी जाए.
वह अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ गुरुवार को यहां पांचवें वार्षिक भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता की अध्यक्षता करेंगे. केरी ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका, भारत सरकार के साथ ‘हाथ से हाथ’ मिला कर काम करने के लिए तैयार है. केरी बुधवार को तीन दिवसीय भारत दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे.
WTO में भारत के रुख में कोई बदलाव नहीं: निर्मला सीतारमण
इधर वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में व्यापार सरलीकरण समझौते पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. भारत ने यह बात ऐसे समय कही है जब डब्ल्यूटीओ सदस्यों द्वारा इस समझौते पर हस्ताक्षर के लिए कुछ ही घंटे शेष हैं. अमेरिकी वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर से मुलाकात के बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया, ‘हमारा रुख वही है जो पहले था.’