नयी दिल्लीःभारत ने भारतीय नेताओं की जासूसी पर अमेरिका से दो टूक शब्दों में विरोध जताया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही इस मुद्दे पर भारत की नाराजगी साफ-साफ जाहिर कर दी.
सुषमा ने जासूसी को लेकर पूछे गये एक सवाल पर कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में जासूसी का मुद्दा भी उठा. सुषमा ने कहा कि केरी को बताया गया कि इस बात को लेकर भारत के लोगों में कितना गुस्सा है. उन्होंने कहा, ‘हम एक दूसरे को मित्र देश मानते हैं. ऐसे में एक मित्र देश, दूसरे मित्र देश की जासूसी करे, यह बरदाश्त नहीं किया जा सकता है.’ अचानक उछले सवाल से बैकफुट पर आये केरी ने भारत की चिंता को जायज ठहराया.
उन्होंने कहा, ‘हम इंटेलिजेंस से जुड़ी बातों पर बाहर चर्चा नहीं करते, लेकिन ओबामा इस मुद्दे पर बात कर चुके हैं.’ कहा कि अमेरिका ने उसी वक्त बातचीत की थी, जब मंत्री ने जासूसी से जुड़ी खबरों के बारे में सरकारी अधिकारियों को बताया. केरी ने कहा कि अमेरिका मोदी के साथ नये युग की शुरु आत के लिए उत्सुक है. सितंबर में मोदी के प्रस्तावित अमेरिकी दौरे से दोनों देशों को काफी उम्मीदें हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुषमा स्वराज ने कहा कि बैठक में डिफेंस, स्किल डेवलपमेंट, आइटी, हेल्थकेयर पर बातचीत हुई. सेक्रेटरी केरी भारत की नयी सरकार के आकलन में बहुत ही उदार थे.
भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान से कहा कि 2008 के मुंबई हमलों के षडयंत्रकारियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए काम करे. दोनों देशों ने आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाहों को समाप्त करने, अल कायदा और लश्कर सहित आतंकी नेटवर्क को छिन्न-भिन्न करने का संकल्प भी लिया. दोनों देशों ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की.
आतंकवाद पर कड़ा रुख
मुंबई हमले (26/11) के षडयंत्रकारियों को न्याय के दायरे में लायेंगेआतंकवादियों के सुरक्षित पनाहगाहों को समाप्त करेंगेअल कायदा, लश्कर सहित आतंकी नेटवर्क को मिटायेंगे
मोदी के मुरीद हुए केरी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री मोदी रंग में नजर आये. केरी ने मोदी की नीतियों की जम कर तारीफ की. उन्होंने अपनी स्पीच में मोदी के नारे ‘सबका साथ, सबका विकास’ का हिंदी में जिक्र किया. कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास’ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने विचार की तरह है. केरी ने मोदी की केसरिया क्रांति के नारे की भी तारीफ की. उन्होंने केसरिया रंग को ऊर्जा का प्रतीक बताया.
पिछली सरकार ने मोदी को वीजा देने से मना किया था
नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा नहीं देने पर संभवत: पहले स्पष्टीकरण में ओबामा प्रशासन ने कहा कि यह फैसला ‘पिछली’ सरकार ने किया था. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने एनडीटीवी से कहा, ‘यह बहुत बड़ी बात है. अब सरकार अलग है. जैसे कि यहां है. हम प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करेंगे. जाहिर तौर पर उन्हें वीजा मिलेगा. अब कोई सवाल नहीं है. और हमें सितंबर में राष्ट्रपति ओबामा के साथ उनकी बैठक अच्छी रहने की आशा है.’ वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या (बुश प्रशासन द्वारा) वीजा देने से इनकार करना भूल थी, क्योंकि अमेरिकी सरकार ने अब अपना रुख पूरी तरह से बदला है. अन्य सवालों के जवाब में केरी ने कहा कि अमेरिका भारत का परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का समर्थन करेगा.