अमेरिकी जंगी विमानों ने इराक में जिहादियों पर हमला शुरु किया

वाशिंगटन: अमेरिका ने इराक में इस्लामी उग्रवादियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में हवाई हमला शुरु किया. उसने उग्रवादियों को एरबिल की ओर आगे बढने से रोकने के प्रयास के तहत लेजर निर्देशित बम उसके तोपों पर बरसाए. एरबिल में ही अमेरिकी राजनयिक ठहरे हैं. पेंटागन के प्रेस सचिव रीयर एडमिरल जॉन किरबी ने कहा, ‘‘दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2014 9:46 AM

वाशिंगटन: अमेरिका ने इराक में इस्लामी उग्रवादियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में हवाई हमला शुरु किया. उसने उग्रवादियों को एरबिल की ओर आगे बढने से रोकने के प्रयास के तहत लेजर निर्देशित बम उसके तोपों पर बरसाए. एरबिल में ही अमेरिकी राजनयिक ठहरे हैं.

पेंटागन के प्रेस सचिव रीयर एडमिरल जॉन किरबी ने कहा, ‘‘दो एफ.ए-18 विमानों ने एरबिल के समीप तोपों पर लेजर निर्देशित बम गिराए. आईएसआईएल एरबिल की रक्षा में जुटे कुर्दिश बल पर गोलाबारी के लिए इस तोपखाने का इस्तेमाल कर रहा है. एरबिल में ही अमेरिकी कर्मी हैं. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी मध्य कमान कमांडर ने हमला करने यह फैसला किया और इस फैसले पर कमांडर इन चीफ ने मुहर लगायी. ’’ प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति स्पष्ट कर चुके हैं कि यदि आईएसआईएल हमारे कर्मियों एवं सुविधाओं पर खतरा पैदा करेगा, तो अमेरिकी सेना उसके खिलाफ सीधी कार्रवाई जारी रखेगी. ’’ कल रात राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा की थी कि उन्होंने आईएसआईएल के विरुद्ध लक्ष्यसाध्य सैन्य हमले का आदेश दिया है.

एक आदेश में कहा गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अमेरिकी सैन्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए इस्लामी आतंकवादियों के खिलाफ ‘‘लक्षित हवाई हमलों’’ और पश्चमोत्तर इराक में एक पर्वत चोटी पर फंसे हजारों धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए हेलीकॉप्टरों से भोजन तथा पानी गिराने के लिए सेना को अधिकृत कर दिया.

Happening now: President Obama delivers a statement on the situation in Iraq.http://t.co/J1GnajZJLj

— Barack Obama (@BarackObama)August 8, 2014

कल देर रात प्रसारित संबोधन में ओबामा ने कहा कि जब अमेरिका के पास पर्वत पर फंसे इराकी अल्पसंख्यकों के नरसंहार को रोकने की क्षमता है तो वह इस स्थिति से अपनी ‘‘आंखें मूंदकर नहीं सकता.’’ ओबामा ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के इराक के कुर्द क्षेत्र की राजधानी इरबिल की ओर बढने की स्थिति में उन्होंने अमेरिकी सेना को इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के खिलाफ हवाई हमले करने का अधिकार दिया है.

नौ मिनट तक चले भाषण में ओबामा ने इस फैसले की वजहों के बारे में विस्तार से बताया लेकिन यह भी दोहराया कि कोई भी अमेरिकी सैनिक जमीन पर नहीं होगा. व्हाइट हाउस के राजकीय भोज कक्ष से दिए गए बयान में उन्होंने कहा, ‘‘आज अमेरिका मदद के लिए आ रहा है.’’ उन्होंने कहा कि आज जब अमेरिकियों का जीवन खतरे में है और जब हजारों मासूम नागरिकों पर खतरा है तो अमेरिका कार्रवाई करेगा

अमेरिका ने विश्व को ज्यादा सुरक्षित बनाया है

अमेरिका द्वारा दुनिया को एक सुरक्षित और समृद्ध स्थान बनाए जाने पर जोर देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि के लिए अमेरिकी नेतृत्व आवश्यक है. कल देर रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘मेरे साथी अमेरिका वासियो विश्व कई चुनौतियों से गुजर रहा है. हालांकि अमेरिका सभी गलत चीजों को सही करने में सक्षम नहीं रहा है लेकिन अमेरिका ने विश्व को अधिक सुरक्षित और समृद्ध स्थान बनाया है.’’ अपने संबोधन में ओबामा ने इराक में सैन्य हवाई हमलों की स्वीकृति दिए जाने पर चर्चा की.

ओबामा ने अपने 9 मिनट के संक्षिप्त भाषण में बताया, ‘‘वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि के लिए अमेरिकी नेतृत्व आवश्यक है, जिस पर हमारे बच्चे और हमारे नाती पोते निर्भर करेंगे. इसके लिए हम मूल सिद्धांतों का पालन करेंगे. अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हम सभी जरुरी कदम उठाएंगे.’’ ओबामा ने कहा, ‘‘जब भी हमारे सहयोगी किसी खतरे में होंगे तब हम उनकी मदद करेंगे.’’

रुस-यूक्रेन मुद्दे का कूटनीतिक समाधान चाहते हैं ओबामा

यूक्रेन से लगती सीमा पर रुस द्वारा सैनिकों की तैनाती पर चिंता व्यक्त करते हुए व्हाइट हाउस ने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा यूक्रेन संकट का कूटनीतिक समाधान चाहते हैं. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश एर्नेस्ट ने कल कहा, ‘‘अमेरिका इस संकट का कूटनीतिक समाधान देखना चाहेगा, लेकिन हम रुस की तरफ से सीमा पर सैनिक तैनात किए जाने, अलगाववादियों को रुस के लगातार समर्थन, और यूक्रेन के ठिकानों पर रुस के भीतर से रुसी बलों द्वारा लगातार गोलाबारी को लेकर चिंतित हैं.’’ ओबामा ने अपने रुसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ फोन पर हुई बातचीत में यही संदेश दिया.

एर्नेस्ट ने कहा, ‘‘यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि हम रुस के उन बयानों से चिंतित हैं जिनमें संकेत दिया गया है कि वे विमान त्रसदी स्थल की सुरक्षा के लिए सैनिक भेज सकते हैं जिन्हें वे ‘‘शांति सैनिक’’ कहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि ये बयान अस्थिरता पैदा करने वाले हैं और इनसे मदद नहीं मिलने वाली. रुस को सोचना चाहिए कि इस तरह के कदमों की सिर्फ निन्दा होगी तथा नतीजतन उसे इसकी कीमत और अधिक आर्थिक प्रतिंबधों एवं राजनीतिक रुप से अलग थलग किए जाने के रुप में चुकानी होगी.

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