पाकिस्‍तान में तख्तापलट का खतरा!

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ आखिरी मुकाबले के लिए अपने समर्थकों को तैयार रहने के विपक्षी नेता इमरान खान के आह्वान के बाद आज उनके हजारों समर्थक सख्त सुरक्षा वाले ‘रेड जोन’ में जबरन घुस गए. मुस्लिम धर्म गुरु ताहिर अल कादरी ने शरीफ को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2014 3:59 PM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ आखिरी मुकाबले के लिए अपने समर्थकों को तैयार रहने के विपक्षी नेता इमरान खान के आह्वान के बाद आज उनके हजारों समर्थक सख्त सुरक्षा वाले ‘रेड जोन’ में जबरन घुस गए.

मुस्लिम धर्म गुरु ताहिर अल कादरी ने शरीफ को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था. खराब मौसम और कम संख्या में लोगों के जुटने के बावजूद खान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ और कादरी के नेतृत्व वाले पाकिस्तान अवामी तहरीक ने अपना प्रदर्शन जारी रखा है.

डंडे लिए पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रदर्शनकारियों ने कंटेनरों पर हमला किया और रेड जोन जाने के दौरान अपने रास्ते में पड रहे कंटीले तार हटा दिए. रेड जोन में संसद भवन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास तथा विदेशी दूतावास है.

प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए रखे गए शिपिंग कंटेनर के पास पुलिस ने मोर्चा संभाल लिया. कुछ सुरक्षाकर्मी उस वक्त भागते भी दिखें जब प्रदर्शनकारी उनकी ओर बढ रहे थे.

खान और कादरी दोनों ही अपनी इस मांग पर अडे हुए हैं कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक नई सरकार और एक नई प्रणाली का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस्तीफा दें.

वर्ष 1992 के विश्व कप (क्रिकेट) में पाकिस्तान को जीत दिलाने वाले खान ने इससे पहले पीएमएल-एन सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि शरीफ पद छोडने से इनकार करते हैं तो उनके समर्थक यहां कडी सुरक्षा वाले ‘रेड जोन’ में घुस जाएंगे. शरीफ एक साल से अधिक समय से सत्ता में हैं.

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष खान ने कहा कि आज आखिरी मुकाबला होगा जो पाकिस्तान के इतिहास में निर्णायक दिन होगा.

क्रिकेटर से नेता बने खान ने ट्वीट किया, ‘‘लोग जानते हैं कि शरीफ चुनाव अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ 2013 के चुनावी मैच फिक्सिंग में शामिल रहे हैं. वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’’

गौरतलब है कि 2013 के आम चुनाव में शरीफ ने 342 में से 190 सीट हासिल की थी. खान की पार्टी को 34 सीटें मिली थी और वह तीसरी सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरी थी. लेकिन उन्होंने दावा किया था कि उनकी पार्टी को कई और सीटें मिलनी चाहिए थी.

खान ने कहा, ‘‘नवाज शरीफ को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि लोगों ने पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ की ‘सुनामी’ के लिए भारी संख्या में आकर चुनावी धांधली पर अपना फैसला दे दिया है.’’ उन्होंने ट्वीट में कहा है, ‘‘चुनावी धांधली के जरिए नवाज शरीफ ने पारिवारिक कारोबार बढाया, राष्ट्र पर कर्ज का बोझ बढा और वह करदाताओं के पैसों पर तेल के कुएं रखने वाले शेख की तरह रहें.’’

खान ने कहा, ‘‘हम वह पार्टी नहीं हैं जिसने देश को लूटा हो, उन लोगों का सहयोग करने के लिए आगे आइए जो दूर दराज के इलाकों से आए हैं.’’ खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक प्रमुख कादरी ने लाहौर से बृहस्पतिवार को अलग-अलग रैलियां निकाली और राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे. वे अलग अलग स्थानों पर डेरा डाले हुए हैं.

खान ने चेतावनी दी है कि यदि निश्चित समय सीमा के भीतर उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो संसद के सामने प्रदर्शन किया जाएगा.

उन्होंने देर रात कहा था, ‘‘यदि मैं इन लोगों को काबू करने में नाकाम रहा तो मुङो जिम्मेदार मत ठहराना. मैं उन्हें सिर्फ रविवार की रात तक काबू में रख सकता हूं.’’ वहीं, दूसरी ओर कादरी ने 14 मांगों की एक सूची पेश की जिसमें उन्होंने मांग की कि शरीफ सरकार इस्तीफा दे और प्रांतीय विधानसभाओं को 48 घंटे के अंदर भंग किया जाए.

यह राजनीतिक अस्थिरता ऐसे वक्त आई है जब पाकिस्तान आतंकवादियों और खासतौर पर अफगान सीमा से लगे कबायली इलाके में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चला रहा है.

पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने असैन्य सरकार को हटाने के किसी असंवैधानिक कदम के खिलाफ शुक्रवार को एक आदेश जारी किया था. सेना को राजधानी की सुरक्षा की बागडोर तीन महीने के लिए पहले ही दी जा चुकी है. हालांकि, लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित सरकार की सत्ता हथियाने का उसका इतिहास रहा है.

अपने 67 साल के इतिहास में पाकिस्तान ने तीन तख्तापलट देखे हैं जिसमें 1999 का शरीफ के खिलाफ तख्तापलट भी शामिल है जो तत्तकालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने किया था.

वहीं, सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा, ‘‘वे (खान और कादरी) सरकार को नहीं बल्कि देश में लोकतंत्र को समय सीमा दे रहे हैं.’’ मुत्तिहदा कौमी मूवमेंट के लंदन आधारित प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने दोनों नेताओं से अपनी अतिवादी मांग छोडने और समय सीमा वापस लेने को कहा है.

इसबीच, परदे के पीछे परामर्श भी जारी है और जमात ए इस्लामी प्रमुख सिराजुल हक जैसे नेता बीच का रास्ता निकालने की जद्दोजहद कर रहे हैं.

दुनिया टीवी की खबर के मुताबिक शरीफ ने खान और कादरी की मांगों का निपटारा करने के तरीकों पर चर्चा के लिए आज राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाई है.

समझा जा रहा है कि इस्तीफे के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं होगी लेकिन नेताओं द्वारा चुनावी और राजनीतिक प्रणाली में सुधार करने जैसी रियायत दी जा सकती है ताकि इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाया जा सके.

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