इसलामाबाद : इमरान खान एवं ताहिर उल कादरी के आंदोलन से पाकिस्तान के शेयर बाजार को 350 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. वहीं, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की इमरान और कादरी के साथ गतिरोध खत्म करने की कोशिश भी सोमवार को नाकाम रही, क्योंकि प्रदर्शनकारी राजधानी में भयावह स्थिति पैदा कर रहे हैं.
इस बीच, खान ने अपने प्रतिनिधियों को नेशनल असेंबली और खैबर पख्तूनख्वाह को छोड़ सभी प्रांतीय असेंबलियों से वापस बुलाने का फैसला किया, ताकि सरकार पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जा सके. खैबर पख्तूनख्वाह में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार है.
सभी प्रतिनिधि मंगलवार को इस्तीफा दे देंगे.
शरीफ के इस्तीफे की मांग के पांचवें दिन खान और कादरी ने उनकी सभी सांवैधानिक मांगों पर चर्चा की सरकार की पेशकश को खारिज कर दिया. इमरान खान ने रविवार को शरीफ सरकार के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा था कि पाकिस्तान का भविष्य इस कारोबारी के शासन में अंधेरे में हैं. उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे टैक्स, बिजली और गैस के बिल न भरें.
प्रदर्शन कमजोर अब पड़ रहा है, क्योंकि भीड़ नहीं जुटी. विपक्षी पार्टियों ने भी खान के आंदोलन से को दूरी बना ली.
इधर, रेड जोन की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने की सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह कुछ ऐसा है जिससे सरकार को निपटना है. वहीं, कोर्ट के आदेश के बावजूद पुलिस ने शरीफ और उनके बेटे पर मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया है.
क्या कहते हैं दूसरे नेता
‘‘लोकतंत्र और मुल्क की सेवा न तो सविनय अवज्ञा का आह्वान कर हो सकती है न राजनीतिक मुद्दे पर सार्थक वार्ता में शामिल होने के किसी पक्ष के इनकार करने से. आसिफ अली जरदारी, पूर्व राष्ट्रपति
‘‘यह असमय है. प्रदर्शनकारियों की हताशा दिखाता है.यह पाकिस्तान के कारोबारी समुदाय को भी नुकसान पहुंचायेगा.
हसन अक्सरी रिजवी, राजनीतिक समीक्षक
‘‘संघीय सरकार सद्भावना का रुख पेश करते हुए तहरीक-ए-इंसाफ और अवामी तहरीक की हर संवैधानिक मांग को सुनने की इच्छुक है. हमने बातचीत के लिए अलग-अलग समितियों का गठन किया है. दोनों समितियों में सभी प्रमुख दलों के सदस्य हैं. वे प्रदर्शन कर रहे नेताओं से मंगलवार को बातचीत करेंगे. किसी को भी ‘रेड जोन’ की सुरक्षा तोड़ने की इजाजत नहीं दी जायेगी.
चौधरी निसार, गृह मंत्री, पाकिस्तान