पाकिस्तान में संकट बरकरार,शरीफ के इस्तीफे की मांग पर अडे प्रदर्शनकारी
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सरकार और प्रदर्शनकारी विपक्षी नेताओं के बीच टकराव आज उस वक्त और बढ़ गया जब प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस्तीफे की मांग को सिरे खारिज कर दिया तथा इमरान खान ने शरीफ के पद छोड़ने तक बातचीत रद्द कर दी. पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक के सबसे मुश्किल इम्तहान […]
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सरकार और प्रदर्शनकारी विपक्षी नेताओं के बीच टकराव आज उस वक्त और बढ़ गया जब प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस्तीफे की मांग को सिरे खारिज कर दिया तथा इमरान खान ने शरीफ के पद छोड़ने तक बातचीत रद्द कर दी.
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद अब तक के सबसे मुश्किल इम्तहान का सामना कर रहे शरीफ ने प्रदर्शनकारियों की ओर से की जा रही इस्तीफे की मांग को आज सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस मुल्क ने पहले भी मुश्किल वक्त में अपना वजूद बचाया है और इसी तरह मौजूदा राजनीतिक संकट भी बीत जाएगा.
इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और कादरी की पार्टी पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) का प्रदर्शन बीते दो सप्ताह से चल रहा है. प्रदर्शनकारी पिछले साल के आम चुनाव में कथित धांधली और बीते 17 जून को लाहौर में अवामी तहरीक के 14 समर्थकों की हत्या के मामलों को लेकर शरीफ के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
शरीफ ने संकट की शुरुआत के बाद से नेशनल असेंबली में दिए अपने पहले संबोधन में कहा, हम मुश्किल वक्त में कायम रहे. वर्ष 2008 के चुनाव में हमारे हाथ बंधे थे, लेकिन हमने प्रचार किया और (चुनाव में) हिस्सा लिया. हमने धांधली के बारे में शोर नहीं मचाया और अगर ऐसा करते तो वह वाजिब होता. उन्होंने कहा, चूंकि उस वक्त एक तानाशाह था जिसका सरकार पर नियंत्रण था. उसने चुनाव करवाए…. लेकिन हमने कहा कि यदि पीपीपी को हमसे ज्यादा सीटें मिली हैं तो हम पीपीपी के उस अधिकार को मंजूर करेंगे. शरीफ ने उम्मीद जतायी कि यह दौर भी बीत जाएगा और पाकिस्तान तरक्की की ओर बढेगा.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह संकेत दिया कि उनके नेतृत्व वाली पीएमएल-एन सरकार और मौजूदा संसद कायम रहने वाली है. शरीफ पिछले साल जून से सत्ता में हैं. उन्होंने कहा, हम इन चीजों से विचलित नहीं होने जा रहे. संविधान और कानून की सर्वोच्चता का यह सफर पूरी मजबूती के साथ जारी रहेगा तथा खुदा ने चाहा तो उसमें कोई बाधा नहीं आएगी. उधर, सुप्रीम कोर्ट ने तहरीक-ए-इंसाफ और पीएटी प्रदर्शनकारियों को कंस्टीट्यूशन एवेन्यू कल तक खाली करने का आदेश दिया. कंस्टीट्यूशन एवेन्यू इलाके की सडक शीर्ष अदालत और संसद तक पहंुचने का मार्ग है.
मुख्य न्यायाधीश नसीरुल मुल्क की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कंस्टीट्यूशन एवेन्यू में प्रदर्शन के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. याचिकाकर्ताओं के अनुसार प्रदर्शनकारी आम शहरियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी बीते 19 अगस्त से संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट की इमारत के सामने धरना दे रहे हैं. इससे सरकारी कर्मचारियों को दफ्तर आनेजाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं के नेशनल असेंबली से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद आज पंजाब प्रांत की असेंबली में पार्टी के सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. इससे सरकार पर दबाव और बढ गया है. पंजाब की प्रांतीय असेंबली में नेता विपक्ष और तहरीक-ए-इंसाफ के सदस्य महमूदुर राशिद तथा पार्टी के अन्य 28 सदस्यों ने इस्तीफे सौंप दिए. पंजाब से पार्टी के दो सांसद निगहत इनकियार ओर जहांजेब किची ने अपने इस्तीफे नहीं सौंपे. राशिद ने कहा कि ये दोनों सांसद इस्तीफा नहीं देना चाहते हैं. पाकिस्तान के मौजूदा राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए पर्दे के पीछे से प्रयास चल रहे हैं.
जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख सिराजुल हक ने लाहौर में कहा, पडोसी देशों ने भी अपनी चिंताएं बताई हैं. मैं दोनों पक्षों से आग्रह करता हूं कि वे एक दूसरे से बातचीत करें और अपने मतभेदों को दूर करें. उनके पास समय बहुत कम है. रेल मंत्री साद रफीक ने कहा कि इमरान और कादरी को शरीफ के इस्तीफे पर जोर नहीं देना चाहिए. रफीक ने भरोसा दिलाया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, हालांकि पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते ने रेड जोन के इलाके में 500 अधिकारियों को तैनात किया है.
शरीफ के इस्तीफा देने से इंकार करने के बाद तहरीक-ए-इंसाफ की एक कोर कमेटी की बैठक हो रही है, जिसमें आगे के कदमों के बारे में फैसला होगा. न्यायमूर्ति अनवर जहीर जमाल के नेतृत्व में चुनाव आयोग की एक बैठक हुई. स्थानीय मीडिया का कहना है कि इस बैठक में इमरान खान की ओर से लगाए गए चुनाव में धांधली के आरोपों पर चर्चा की गई. अपने रुख पर अडिग शरीफ ने कहा कि आज के दिन को देश के इतिहास में लोकतंत्र के महान दिन के रुप में याद किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ताकत के विशाल प्रदर्शन को हमेशा याद रखा जाएगा। यह सोचकर हमें खुशी होती है कि यह देश 20 करोड लोगों की आवाज है. शरीफ ने कहा कि उनकी पार्टी पीएमएल-एन ने पांच साल तक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार के साथ मिलकर काम किया और उसे उसका कार्यकाल पूरा करने देने में सहयोग किया.
उन्होंने सदन में कहा, जब वह (इमरान खान) घायल थे तब मैं उनसे मिलने अस्पताल गया था और उन्होंने मुझे चुनाव जीतने पर बधाई दी थी और यह कहा था कि वह सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभायेंगे. उनके दावे अखबारों में भी प्रकाशित हुए. उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ एतराज था लेकिन उन्होंने चुनाव नतीजे स्वीकार किए थे.
प्रधानमंत्री ने कहा, बाद में जब इमरान ने मुझे बानी गाला (इस्लामाबाद का इलाका) आने का न्यौता दिया. मैं वहां गया और हमारे बीच खुशनुमा माहौल में चर्चा हुई. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह सही उद्देश्य से उठाए गए सभी कदमों में सरकार के साथ हैं. वर्तमान संकट पिछले सप्ताह उस समय और बिगड गया जब खान और कादरी के हजारों समर्थकों ने संसद के बाहर डेरा डाल दिया और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. शरीफ ने कहा, यदि आज हमने अपने आपको आगे के लिए सही कर लिया तो पाकिस्तान के लिए वह सकारात्मक होगा. उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार के लिए पहले ही एक समिति बना दी गयी है और सभी राजनीतिक दलों को मिल बैठकर अपनी राय देनी चाहिए.