पाकिस्तानी हुकमरानों के सर पर मंडरा रहा है अपनी ही सेना का खतरा
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के ताकतवर सैन्य प्रमुख ने संकटग्रस्त सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मध्यस्थता के लिए कदम आगे बढाए लेकिन दोनों पक्ष सेना के हस्तक्षेप के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज नेशनल असेंबली में कहा, ‘न तो मैंने सेना से कहा है न ही सैन्यबलों ने वर्तमान […]
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के ताकतवर सैन्य प्रमुख ने संकटग्रस्त सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मध्यस्थता के लिए कदम आगे बढाए लेकिन दोनों पक्ष सेना के हस्तक्षेप के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज नेशनल असेंबली में कहा, ‘न तो मैंने सेना से कहा है न ही सैन्यबलों ने वर्तमान राजनीतिक संकट में भूमिका निभाने के लिए पूछा है.’ शरीफ ने मीडिया की उन खबरों को खारिज किया जिसमें कहा गया कि शरीफ ने सेना से उनके बचाव के लिए आगे आने का ‘अनुरोध’ किया.
शरीफ ने कहा कि खान और कादरी ने मध्यस्थ बनने के लिए सेना प्रमुख राहिल शरीफ से बात की थी.शरीफ के बयान पर जवाब देते हुए पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) पार्टी के गुस्साए प्रमुख कादरी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘मैं स्पष्ट रुप से कहता हूं कि प्रधानमंत्री ने सेना से हस्तक्षेप के लिए कहा. मैं आधिकारिक रुप से कह रहा हूं कि हमने सेना से हस्तक्षेप के लिए कोई अनुरोध नहीं किया.’
कादरी ने कहा, ‘मैंने कल हमारी बैठक से पहले सेना प्रमुख से बात तक नहीं की थी. इमरान खान ने भी सेना से हस्तक्षेप का अनुरोध नहीं किया.’ कादरी ने कहा कि सरकार को मजबूती खोते देखने के बाद शरीफ ने यह बयान दिया. कादरी ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर मैंने कुछ झूठ कहा है तो मैं इसकी सजा स्वीकारने को तैयार हूं.’ उन्होंने दावा किया कि शरीफ झूठ बोल रहे हैं. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान ने अब तक शरीफ के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
खान और कादरी ने सैन्य प्रमुख जनरल राहिल शरीफ से रावलपिंडी में रात के समय मुलाकात की. खान और कादरी को यहां डेरा डालकर बैठे हुए दो सप्ताह से ज्यादा समय हो चुका है. खान चाहते हैं कि पिछले साल हुए चुनावों में कथित हेराफेरी के चलते पीएमएल-एन सरकार सत्ता से हटे जबकि कादरी देश में ‘क्रांति’ लेकर आना चाहते हैं. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में गृहमंत्री निसार अली खान भी मौजूद थे. सूत्रों ने कहा, ‘इस बात पर सहमति बनी है कि सैन्य मध्यस्थ पिछले दरवाजे से आज दोनों पक्षों के साथ वार्ताएं करेंगे और दोनों पक्षों के बीच समझौते की जमीन तैयार करेंगे.’
सरकार के प्रतिनिधि प्रदर्शनकारी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और वे सेना की मध्यस्थता वाले समझौते को सहमति देंगे. जनरल शरीफ से मुलाकात के बाद, खान ने अपने थके हुए प्रदर्शनकारियों को बताया कि सेना इस संकट में ‘तटस्थ मध्यस्थ’ बन गयी है. उन्होंने तब भी प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की. कादरी ने भी अपने असंख्य अनुयायियों की भीड को संबोधित किया और कहा कि उन्होंने इस बैठक में अपना क्रांतिकारी एजेंडा सैन्य प्रमुख को सौंप दिया है.