– उग्र प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय और पीटीवी कार्यालय पर बोला धावा
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में गहराते राजनीतिक संकट पर चर्चा करने के लिए आज सेना प्रमुख राहील शरीफ ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की. वहीं, सैकडों प्रदर्शनकारियों ने आज भारी सुरक्षा वाले सचिवालय और सरकारी टेलीविजन के कार्यालय पर धावा बोल दिया. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा झडपें आज सुबह तब शुरु हुईं जब सेना द्वारा सभी पक्षों से गतिरोध का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की बात कहे जाने के चंद घंटे बाद प्रदर्शनकारी यहां सचिवालय का द्वार तोडकर जबरन अंदर घुस गए.
दो हफ्ते से चले आ रहे राजनीतिक संकट के हिंसक होने के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने आज इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई), ताहिर उल कादरी नीत पाकिस्तान आवामी तहरीक तथा पीएमएल, एन नीत सरकार के बीच जारी राजनीतिक गतिरोध को खत्म कराने में मदद की पेशकश की. विरोध मार्चों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई के वकील को यह सूचित करने के लिए एक घंटे की समय सीमा दी कि वे इसका हस्तक्षेप स्वीकार करेंगे या नहीं.
बीती रात हुई बारिश के चलते थोडी देर की शांति के बाद लाठी-डंडों से लैस प्रदर्शनकारी इमारत में न घुसने के सेना के परामर्श का उल्लंघन करते हुए गेट तोडकर सचिवालय के अंदर घुस गए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेडने के लिए रबड की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोडे, लेकिन असफल रही. प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय कर्मियों के वाहनों को नष्ट कर दिया. इसके बाद, सैकडों प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान टेलीविजन (पीटीवी) के दफ्तर पर धावा बोल दिया और कुछ देर के लिए उसका प्रसारण ठप कर दिया.
इसके बाद सेना ने इमारत को अपने नियंत्रण में लिया और प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया. प्रदर्शनकारी पीटीवी नेटवर्क के दफ्तर में घुस गए. उन्होंने कैमरे तोड दिए और नियंत्रण कक्ष में पहुंच गए. इमारत में घुसने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या 800 से अधिक थी. सैन्यकर्मी टीवी स्टेशन के मुख्यालय पहुंचे और और प्रदर्शनकारियों से तत्काल इमारत खाली करने को कहा. तब सेना ने पीटीवी मुख्यालय को अपने नियंत्रण में ले लिया और प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया. ताजा झडपें बीती रात सेना के कोर कमांडरों की आपातकालीन बैठक के बाद हुई हैं. ‘लोकतंत्र का समर्थन करने’ की बात फिर से दोहराते हुए सेना ने गंभीर स्थिति की समीक्षा की जिसके चलते बहुत से लोग घायल हुए हैं और कई लोग मारे गए हैं.
वर्ष 1947 में पाकिस्तान बनने के बाद आधे से अधिक समय तक देश पर जनरलों ने राज किया है. सेना ने कहा है कि बिना समय गंवाए और हिंसा का सहारा लिए बिना स्थिति का समाधान निकाला जाना चाहिए. खान और कादरी के समर्थक शनिवार रात से प्रधानमंत्री आवास के सामने पहुंचने के लिए पुलिस से जूझ रहे हैं. झडपें तब शुरु हुईं जब संसद के बाहर डेरा डाले खान और कादरी दोनों ने अपने समर्थकों से धरना स्थल से प्रधानमंत्री आवास के लॉन की तरफ कूच करने को कहा. इस बीच, आज अपराह्न खान ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के शासन के खात्मे का समय आ गया है.
उन्होंने कहा, ‘हमने सेना से जारी राजनीतिक संकट में मध्यस्थ बनने को नहीं कहा.’ पीटीवी मुख्यालय पर हमले की निन्दा करते पीटीआई प्रमुख ने कहा कि हमले को उचित नहीं ठहराया जा सकता. पीटीआई प्रमुख ने कहा, ‘पीटीवी मुख्यालय में घुसने वाले हमारे कार्यकर्ता नहीं हैं. मैंने किसी भी कार्यकर्ता से प्रधानमंत्री आवास की तरफ बढने या किसी भी इमारत में प्रवेश करने को नहीं कहा है.’ पीटीवी की इमारत पर धावा बोलने वाले प्रदर्शनकारी पाकिस्तानी सेना के पक्ष में नारे लगा रहे थे.
एक्सप्रेस न्यूज के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पीटीवी मुख्यालय की दीवारों पर कादरी का नाम लिख दिया. कादरी ने अपने समर्थकों से कहा कि वे सैन्यकर्मियों द्वारा तय की गई सीमा को कभी पार नहीं करें. कादरी ने कहा, ‘कडाई से सेना के आदेशों का पालन करिए. ये आपकी सीमाएं हैं.’ पिछले 48 घंटे के दौरान उच्च सुरक्षा वाले रेड जोन में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुए खूनी संघर्ष में 3 लोग मारे गए हैं और 550 से अधिक घायल हुए हैं.
बीती रात प्रदर्शनकारियों का पुलिस के साथ टकराव होता रहा लेकिन तेज बारिश होने के कारण प्रदर्शनकारियों ने पथराव बंद कर दिया. आज सुबह बारिश बंद होने के बाद संघर्ष फिर शुरु हो गया. संघर्ष में दर्जनों पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. मीडिया की खबरों में कहा गया है कि हिंसा भडकाने, तथा सुरक्षाबलों और संसद पर हमला करने के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
खान ने इस आरोप का खंडन किया है. खान और कादरी ने सरकारी वार्ताकारों के साथ बातचीत, पिछले सप्ताह पांचवें दौर की वार्ता में कोई नतीजा न निकलने के बाद बंद कर दी. इमरान खान चाहते हैं कि पीएमएल, एन सरकार इस्तीफा दे. वह शरीफ पर पिछले साल हुए चुनाव में धांधली करने का आरोप लगा रहे हैं. इन चुनावों में खान की पार्टी हार गई थी. कादरी देश में क्रांति लाना चाहते हैं. दोनों नेता 14 अगस्त से आंदोलन कर रहे हैं.