ISIS ने 800 इराकी सैनिकों को मार डाला
बगदाद:आईएसआईएस के आतंकियों ने एक बडे़ हत्याकांड को अंजाम देते हुए इराक के 800 सैनिकों की हत्या की है. आतंकियों ने सैनिकों को दस दस की लाइन में खडा़ करके गोलियों से निशाना बनाया. 800 सैनिकों में से 20 सैनिक ही जिंदा बच पाए हैं. आईएसआईएएस द्वारा किये जाने वाले लगातार हमलों को देखते हुए […]
बगदाद:आईएसआईएस के आतंकियों ने एक बडे़ हत्याकांड को अंजाम देते हुए इराक के 800 सैनिकों की हत्या की है. आतंकियों ने सैनिकों को दस दस की लाइन में खडा़ करके गोलियों से निशाना बनाया. 800 सैनिकों में से 20 सैनिक ही जिंदा बच पाए हैं.
आईएसआईएएस द्वारा किये जाने वाले लगातार हमलों को देखते हुए कहा जा सकता है यह क्षेत्र में अपना खौफ और प्रभुत्व बनाए रखना चाहता है.
इस्लामिक इस्टेट के आतंकियों के हमले से बच कर भागे 24 वर्षीय मोहम्मद मजुल हामोद ने बताया कि उसने खुद को सुन्नी मुस्लिम बताकर था अपनी जान बचाई.हामोद सहित 1500 सैनिकों ने हाल ही में ट्रेनिंग ली थी. हामोद के मुताबिक यह जून माह की घटना है .इस्लामिक इस्टेट ने उन्हें 11 दिन तक उन्हें बंदी बना कर रखा. इन सैनिकों को शहर के नजदीक ही स्पीचर कैंप भेजा गया था.
हामोद के मुताबिक स्पीचर में उनके कमांडर ने उन लोगों को धोखा दिया. उनके कमांडर ने उन्हें कहा था कि उन्हें बचा लिया जाएगा. लेकिन जब आईएसआईएस के आतंकी तिकरित में घुसे को उनके बचाव में कुछ नहीं किया गया.इन आतंकियों ने सैनिकों गोलियों से भूनकर मार डाला. हामोद ने कमांडर पर सैनिकों को बेचने का आरोप लगाया और कहा कि स्पचीचर शिविर में उन्हें हथियार भी नहीं दिये गये थे.
हामोद ने कहा कि प्रांत के वरिष्ठ कमांडर जनरल अली अल ने सैनिकों को धोखा दिया और गलत जानकारी दी कि उन्होंने कबाइली लोगों से समझौता कर लिया है. वे लोग उन्हें कोई नुकसान नहीं पुहंचाएंगे.अगले दिन उनके जाने पर कबाइली सैनिकों ने उन्हें घेर लिया और आश्वासन दिया कि वे उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे और समारा जाने में उनका साथ देंगे.
इधर सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है.