बीजिंग : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपनी पहली भारत यात्रा की शुरुआत गुजरात से करेंगे और वह वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैतृक गांव भी जा सकते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आज यहां राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनके भारत यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रुप दिया. हालांकि, दोनों देशों ने अभी यात्रा कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है लेकिन चीनी अधिकारियों ने कहा कि शी 17 सितंबर को अहमदाबाद से अपनी भारत यात्रा शुरु करेंगे.
शी चीन की सत्तारुढ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव भी है. शी से मुलाकात के दौरान डोभाल ने चीनी राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री मोदी के पैतृक गांव वाडनगर की यात्रा पर जोर दिया. डोभाल ने कहा, ‘आपके प्रति उनके मन में काफी सम्मान है और आपके साथ बैठक के बारे में कई बार हमसे चर्चा की. उन्होंने उस जगह (वाडनगर) का भी आपसे जिक्र किया जहां महान चीनी दार्शनिक शुआन जांग गये थे.’
दोनों पक्षों ने शी की यात्रा के ब्योरे के बारे में कुछ भी बताने से मना किया. चीनी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी कि शी चिनफिंग 14-19 सितंबर के बीच भारत, श्रीलंका, और मालदीव की यात्रा करेंगे. इससे पहले, शी ताजिकिस्तान के दुशांबे में 14वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में शिरकत करेंगे.
शी के कार्यक्रम में पहले पाकिस्तान की यात्रा भी शामिल थी. वहां के मौजूदा राजनीतिक हालात के मद्देनजर शी की पाकिस्तान यात्रा रद्द कर दी गयी और वस्तुत: उसके बाद मालदीव उसमें जोडा गया. डोभाल ने भारतीय मीडिया से कहा कि शी की भारत यात्रा की घोषणा आपसी सहमति से एक साथ भारत और चीन में की जा सकती है. ऐसे संकेत हैं कि शी 17 सितंबर को अहमदाबाद पहुंचेंगे और 19 सितंबर को स्वदेश लौटने से पहले नयी दिल्ली जाएंगे. यात्रा कार्यक्रम की घोषणा में देरी को तवज्जो नहीं देते हुए डोभाल ने कहा, ‘अंतिम घोषणा से पहले हमारी तरफ से उसमें कुछ बदलाव हो सकता है.’ उन्होंने कहा कि समय से पहले किसी भी चीज की घोषणा नहीं की जानी चाहिए. एक-दो दिन में यात्रा कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या शी मोदी के गांव जाएंगे, उन्होंने कहा, ‘अभी इंतजार कीजिए. उन्हें अगर समय मिलता है तो वह वहां जा सकते हैं. मोदी ने उनसे कहा है कि वह उन्हें अपने गांव वाडनगर ले जाना चाहेंगे.’ उन्होंने कहा कि यह सब परिस्थिति और सुविधा पर निर्भर है. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि विदेशी नेताओं को विभिन्न राज्यों के गांवों में ले जाया जाना चाहिए. यह उसी प्रयास का हिस्सा है. चीनी अधिकारियों ने कहा कि शी की यात्रा के दौरान देश में दो चीनी औद्योगिक पार्क गठित किये जाने की घोषणा की जा सकती है. इसमें से एक गुजरात में तथा दूसरा महाराष्ट्र में लगाया जाएगा. शी को दिये गये प्रधानमंत्री मोदी के पत्र के बारे में डोभाल ने कहा कि शिष्टाचार के तहत यह पत्र दिया गया जिसमें चीनी राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर मोदी के आभारी होने की बात है. इससे पहले, शी ने मोदी के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद पत्र भेजा था, यह उसी का जवाब है.
डोभाल का स्वागत करते हुए शी ने कहा कि कार्यक्रम को अंतिम रुप देने के लिये उनकी यात्रा इस बात की गवाह है कि मोदी तथा भारत सरकार चीन के साथ रिश्ते को कितना महत्व देती है. उन्होंने डोभाल से कहा, ‘यह अन्य देशों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और मैं इसकी प्रशंसा करता हूं.’ जुलाई में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील के शहर फोर्टालीजा में मोदी के साथ अपनी पहली बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘मोदी के साथ जो बातचीत हुई, उससे मैं खुश हूं. उस बैठक के दौरान चीन और भारत के नेता एक महत्वपूर्ण समझौते पर पहुंचे.’
शी ने कहा, ‘हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि चीन-भारत संबंध महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रभाव वाला है और हमें विश्वास है कि साझा हितों तथा सहयोग को और मजबूत बनाने के साथ हम न केवल संबंधित राष्ट्र के विकास को बढावा देंगे बल्कि दोनों देशों तथा दोनों देशों की जनता के हितों को भी पूरा करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इसका क्षेत्र और दुनिया के लिये महत्वपूर्ण प्रभाव होगा और क्षेत्र एवं पूरी दुनिया के लिये इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा.’ भारत यात्रा को लेकर सकारात्मक नजरिये की बात कहते हुए शी चिनफिंग ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से हमें भारत के विकास और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की बेहतर समझ हो सकेगी.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि हम द्विपक्षीय संबंधों को नये स्तर पर ले जाने के लिये प्रधानमंत्री मोदी तथा भारत सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे.’ डोभाल ने कहा कि वह शी से मिलकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और उन्हें मोदी का संदेश दिया. उन्होंने कहा, ‘फोर्टलीजा में बैठक में यह निर्णय किया गया था आप सितंबर में भारत की यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी इस बात को लेकर खासे गंभीर हैं कि आप उनके गृह राज्य अवश्य जाएं.’