लंदन : ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमंस में गुरुवार को कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर गुरुवार को विशेष बहस होगी. बहस का मुद्दा कश्मीर में जारी विवाद क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए चुनौती है. ब्रिटेन में भारत के उप उच्चायुक्त डॉ वीरेंदर पाल ने इस पर गहरी आपत्ति जतायी है. पाल ने कहा है कि समय-समय पर समाज के कुछ वर्ग इस तरह के मुद्दे उठाते रहते हैं. यह भारत और ब्रिटेन के मजबूत संबंधों की सेहत के लिए ठीक नहीं है.
दरअसल, ब्रैडफोर्ड सिटी के लिबरल डेमोक्रेट सांसद डेविड वार्ड ने बैकबेंच बिजनेस कमेटी से कहा है कि भारत की नयी सरकार कश्मीर मुद्दे पर काफी आक्रामक है. इससे अनिश्चितता का माहौल उत्पन्न हुआ है. उन्होंने कमेटी से कहा है कि उन्हें इस मुद्दे पर 40 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. ब्रैडफोर्ड सिटी में पाकिस्तानी मूल के सबसे ज्यादा मुसलिम रहते हैं. ब्रिटेन के इस फैसले पर भारत और दक्षिण एशिया के भारत के मित्र देशों की नाराजगी के बाद इस बहस का स्थान बदल दिया गया है. कहा गया है कि बहस मुख्य संसद भवन में नहीं, कमेटी के चेंबर में होगी. हालांकि, बहस को आधिकारिक तौर पर रिकॉर्ड किया जायेगा.
ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त ने एक नोट में कहा है, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की सेना द्वारा घुसपैठियों को मदद और आतंकवादियों को भारत में प्रवेश कराने के लिए उन्हें कवर फायर देना एक निर्विवाद तथ्य है. आतंकवादी और जिहादी तत्वों को किसी तरह से बढ़ावा देकर भारत को युद्ध के लिए न उकसाया जाये.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि हाल ही में ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच ब्रिटेन मध्यस्थता नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा, कश्मीर समस्या का हल सिर्फ दो पड़ोसी देश भारत और पाकिस्तान ही वार्ता के जरिये कर सकते हैं.