आइएस के खिलाफ ओबामा का एलान-ए-जंग
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज इस्लामिक स्टेट को ‘शक्तिहीन और अंतत: नष्ट’ करने का संकल्प लिया. उन्होंने सीरिया में पहली बार हवाई हमलों और खतरनाक आतंकी समूह से लडने के लिए वृहद एकजुटता सहित अमेरिका नीत सैन्य अभियान के एक बडे विस्तार की घोषणा की ताकि आतंकी समूह को ‘बचने की कोई […]
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आज इस्लामिक स्टेट को ‘शक्तिहीन और अंतत: नष्ट’ करने का संकल्प लिया. उन्होंने सीरिया में पहली बार हवाई हमलों और खतरनाक आतंकी समूह से लडने के लिए वृहद एकजुटता सहित अमेरिका नीत सैन्य अभियान के एक बडे विस्तार की घोषणा की ताकि आतंकी समूह को ‘बचने की कोई जगह नहीं मिले.’ ओबामा ने पूरे देश में टेलीविजन पर प्रसारित अपने संबोधन में कहा, ‘हम समग्र और निरंतर रुप से जारी आतंकवाद रोधी रणनीति के जरिए आइएसआइएल को शक्तिहीन और अंतत: खत्म कर देंगे.’
उन्होंने आतंकी समूह को परास्त करने के लिए हालांकि कोई समयसीमा तय नहीं की. राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस आतंकी खतरे को खत्म करने के लिए अमेरिका एक बडे गठबंधन का नेतृत्व करेगा.’ उन्होंने उल्लेख किया कि अमेरिका इन आतंकवादियों के खिलाफ हवाई हमलों का व्यवस्थित अभियान चलाएगा. आइएसआइएल के खिलाफ अमेरिका नीत अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में विभिन्न तरह का योगदान देने के लिए तीन दर्जन से अधिक देश शामिल हुए हैं. आतंकी संगठन इराक और सीरिया के एक बडे हिस्से पर कब्जा कर चुका है जो आकार में ब्रिटेन के बराबर है तथा यह क्षेत्र के लिए खतरा बन चुका है.
राष्ट्रपति ने 15 मिनट के अपने भाषण में कहा, ‘इराक सरकार के साथ काम करते हुए हम अपने प्रयासों को अपने लोगों की रक्षा और मानवीय अभियानों से परे भी विस्तारित करेंगे, इसलिए इराकी बलों के आक्रामक होने के साथ हम आइएसआइएल के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं.’ ओबामा ने कहा, ‘मैं यह स्पष्ट कर चुका हूं कि हम अपने देश (अमेरिका) को धमकी देने वाले आतंकवादियों का पीछा करेंगे चाहे वे कहीं पर भी हों.’
राष्ट्रपति ने कहा, ‘इसका मतलब यह है कि हम सीरिया और इराक में आइएसआइएल के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगे. राष्ट्रपति रहते यह मेरा मूल सिद्धांत है. यदि आप अमेरिका के लिए खतरा पैदा करते हैं तो आपको बचने की जगह नही मिलेगी.’ ओबामा ने कहा कि जमीन पर इन आतंकवादियों से लड रहे बलों को दी जा रही सहायता में अमेरिका और वृद्धि करेगा.
उन्होंने इराक में 475 सैन्य सलाहकार और भेजने के अपने फैसले की घोषणा की. पेंटागन ने एक बयान में कहा कि ये सैन्य सलाहकार इराकी सुरक्षाबलों को सलाह और सहायता देने, खुफिया सूचना देने, निगरानी, आइएसआइएल को निशाना बनाने के वास्ते अमेरिकी क्षमता बढाने के लिए टोही उडानों जैसे अभियानों को अंजाम देंगे और इराक में अमेरिकी सेना की गतिविधियों को समन्वित करेंगे.