नासा का ‘‘मावेन’’ मंगल की कक्षा में पहुंचा

वाशिंगटन : नासा के अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा में पहुंच गया है. ‘मावेन’ नामक इस यान ने मंगल ग्रह का चक्कर लगाना शुरु कर दिया है. यह अंतरिक्ष यान लाल ग्रह की जलवायु में आए परिवर्तनों का अध्ययन करने के मिशन पर गया है. यह यान पता लगाएगा कि किस प्रकार मंगल समय बीतने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2014 12:02 PM

वाशिंगटन : नासा के अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा में पहुंच गया है. ‘मावेन’ नामक इस यान ने मंगल ग्रह का चक्कर लगाना शुरु कर दिया है. यह अंतरिक्ष यान लाल ग्रह की जलवायु में आए परिवर्तनों का अध्ययन करने के मिशन पर गया है. यह यान पता लगाएगा कि किस प्रकार मंगल समय बीतने के साथ गर्म और नम से ठंडे और शुष्क जलवायु वाले ग्रह के रुप में बदला.

नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के डेव फोल्टा ने बताया, ‘‘परिवहन आंकडों के आधार पर बधाई मावेन अब कक्षा में है.’’ इस मानवरहित अंतरिक्ष यान ने कल मंगल ग्रह पर पहुंचने से पूर्व दस महीने से अधिक समय में 7110 लाख किलोमीटर की यात्रा की. यह मंगल ग्रह के उपरी वायुमंडल का अपने किस्म का पहला अध्ययन करने वाला यान होगा.

मार्स एटमोसफेयर एंड वोलटाइल इवोल्यूशन (एमएवीईएन) से प्राप्त आंकडों से वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद मिलेगी कि अरबों साल पहले मंगल की सतह पर मौजूद पानी और कार्बन डाइआक्साइड का क्या हुआ? मंगल ग्रह के वायुमंडल में आए बदलाव वैज्ञानिकों के लिए सबसे प्रमुख चुनौतियों में से एक बने हुए हैं. मावेन द्वारा जुटाए जाने वाले तथ्यों से यह जानने में भी सहायता मिलने की उम्मीद है कि इस लाल ग्रह की भविष्य में यात्र करने पर मानव वहां कैसे खुद को जिंदा रख सकता है. इंसान के वर्ष 2030 में इस ग्रह पर कदम रखने की संभावना है.

मावेन की साइंस टीम के जॉन क्लार्क ने कहा, ‘‘मंगल एक ठंडी जगह है. परंतु वहां ज्यादा वायुमंडल नहीं है. वहां वायुमंडल , हमारे वायुमंडल से करीब आधा है जिसमें हम अभी सांस ले रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम जानते हैं कि मंगल बदल सकता है और वह बीते समय में संभवत: अलग था। इस बात का काफी सबूत हैं कि मंगल की सतह पर पानी बहता था.’’

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