न्यूयॉर्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दो टूक शब्दों में कहा कि आतंकवाद से राजनीतिक नफा नुकसान की बिना पर नहीं लडा जा सकता और इसे शिकस्त देने के लिए देश, जाति, धर्म से उपर उठकर मानवता के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा.
प्रधानमंत्री ने यहां काउंसिल आन फारेन रिलेशंस में दिये अपने संबोधन में इस बात पर खेद प्रकट किया कि दुनिया के बहुत से देश आतंकवाद के घिनौने रुप को कभी समझ नहीं पाये. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद को अलग अलग तराजू से तोलने या किसी आतंकवाद को ‘गुड’ और किसी को ‘बैड’ बताने अथवा पसंद आने वाले देश में आतंकवाद को नहीं चलने देने और पसंद नहीं आने वाले देश में आतंकवाद चलने देने की मानसिकता के साथ इससे नहीं लडा जा सकता है.’’
मोदी ने कहा कि 1993 में वह अमेरिका आये थे और यहां के अधिकारियों से उनकी बात भी हुई थी लेकिन तब वे इसे आतंकवाद नहीं बल्कि कानून और व्यवस्था की समस्या बताते थे.
उन्होंने कहा कि लेकिन बाद में जब मैं यहां (अमेरिका) आया तो वे मुङो समझा रहे थे कि आतंकवाद क्या होता है क्योंकि तब वहां 9-11 की घटना हो गयी थी यानि जब तक हमारे यहां बम नहीं गिरता, हम आतंकवाद को नहीं समझते. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 40 साल से आतंकवाद को भुगता है और दुनिया को आगाह किया कि आतंकवाद की कोई सीमा और देश नहीं होता. और यह कब कहां आ धमकेगा, किसी को पता नहीं होता. ऐसी विकृति की कल्पना नहीं की गयी होगी जब पत्रकारों का गला काटा जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक लाभ या हानि के आधार पर आतंकवाद का हिसाब नहीं होना चाहिए. मानवता में विश्वास रखके सबको मिलकर देश, जाति और धर्म से उपर उठकर साथ आना जरुरी है और तभी आतंकवाद को चुनौती दी जा सकती है.’’ मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लडने के साधन चाहे जो भी हों, उससे लडने का रास्ता एक ही है और वह है मानवता और आत्मविश्वास.
उन्होंने कहा कि विश्व को मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर सबके कल्याण के लिए इस बुराई से लडना होगा. पश्चिम एशिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र कभी इतनी तेजी से आगे बढ रहा था, लेकिन आज वहां कैसी हालत हो गयी है. आतंकवाद से लडने के लिए उन्होंने पर्यटन को बढावा देने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘पर्यटन जोडता है और आतंकवाद बांटता है. इसलिए मैं पर्यटन को बढावा देना चाहता हूं.
संबोधन के बाद वहां उपस्थित लोगों के प्रश्नों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के मुसलमान अल-कायदा को ‘फेल’ कर देंगे. उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि भारत में आतंकवाद का जो स्वरुप है वह उसकी धरती से नहीं उपजा है बल्कि यह निर्यात किया गया है.’’ भारत में अल-कायदा की शाखाएं खोले जाने संबंधी उसके प्रमुख अल-जवाहिरी की घोषणा के संदर्भ में पूछे गये सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है और उसके नागरिक कभी आतंकवाद का साथ नहीं दे सकते.
गौरतलब है कि अमेरिका यात्र से पहले वहां के एक समाचार चैनल को दिये इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, ‘‘भारत के मुसलमान देश के लिए जिएंगे, देश के लिए मरेंगे और देश का कभी बुरा नहीं चाहेंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया का कोई भी देश अपनी मर्जी से नहीं चल सकता. विश्व बदल चुका है और वैश्विक प्रभाव से मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर सबको चलना होगा. कोई देश अब अलग-थलग नहीं रह सकता है.
उन्होंने कहा कि विचारधारा के बजाय दर्शन (फिलॉसफी) के आधार पर चलने वाला देश अधिक स्थिर और सतत रुप से चलते हैं जबकि विचारधारा के आधार पर चलने वाला देश कभी न कभी लुढक जाता है. मोदी ने कहा कि भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के दर्शन को मानने वाला देश है जिसके तहत वह पूरे विश्व को अपना कुटुंब मानता है.
In the 2014 elections our focus was good governance and development: PM @narendramodi
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We are conscious about the environment and are making efforts to clean the Ganga: PM @narendramodi
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We want peace with our neighbours. I invited Heads of SAARC nations for our swearing in ceremony: PM @narendramodi
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We need to take the issue of terrorism very seriously. Sadly several nations never understood the real menace of terrorism: PM @narendramodi
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Food security and trade facilitation must go together. That is what we believe in: PM @narendramodi
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As far as India is concerned, we have a guiding philosophy inspired by Buddha and Mahatma Gandhi. We believe in non-violence: PM
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A lot of things connect India and USA and one such thing is democracy: PM @narendramodi
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I want to learn from everyone and we want to bring the best for our Nation: PM @narendramodi
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The interaction has concluded.
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